6 सितंबर 2025, रविवार का दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के रूप में मनाया जाएगा। आज के दिन हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। आज के दिन जहां एक ओर अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी तो वहीं, दूसरी ओर शनिवार का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में आज के दिन राहुकाल को ध्यान में रखते हुए ही कोई काम करें और उसके लिए आप एमपी, छिंदवाड़ा के पंडित सौरभ त्रिपाठी द्वारा बताया गया आज का पंचांग यहां से देख सकते हैं।
आज का पंचांग 6 सितंबर 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
भाद्रपदशुक्लचतुर्दशी | अश्विनी | शनिवार | ध्रुव | कौलव |
आज सूर्य और चंद्रमा का समय 6 सितंबर 2025
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06:02 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:37 बजे |
चंद्रोदय | रात 09:59 बजे |
चंद्रास्त | रात 10:14 बजे |
आज का शुभ मुहूर्त और योग 6 सितंबर 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:29 बजे से सुबह 05:15 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक |
अमृत काल | सुबह 09:22 बजे से सुबह 11:00 बजे तक |
आज का अशुभ मुहूर्त 6 सितंबर 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:46 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 06:02 बजे से सुबह 07:37 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 01:55 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक |
आज व्रत और त्योहार 6 सितंबर 2025
6 सितंबर 2025 का दिन, शनिवार को एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार अनंत चतुर्दशी है। इस दिन व्रत के रूप में शनिवार व्रत भी रखा जाएगा। इन दोनों का एक साथ पड़ना इस दिन को बहुत ही खास बना देता है।
अनंत चतुर्दशी का पर्व मुख्य रूप से भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं और अपने हाथ में 14 गांठों वाला 'अनंत सूत्र' धारण करते हैं। इन 14 गांठों को भगवान विष्णु के 14 लोकों का प्रतीक माना जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसी दिन, दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का भी समापन होता है। भक्त पूरे विधि-विधान के साथ गणपति बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं और उनसे अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं।
शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित होता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है और वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इस दिन व्रत रखने और शनिदेव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैया और अन्य अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। भक्त इस दिन काले तिल, तेल और उड़द दाल का दान करते हैं। अनंत चतुर्दशी के शुभ दिन के साथ शनिवार व्रत का संयोग होना यह बताता है कि इस दिन की गई पूजा और व्रत से भगवान विष्णु और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त होगी, जिससे जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह के लाभ मिलेंगे।
आज का उपाय 6 सितंबर 2025
6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी और शनिवार व्रत का एक साथ होना एक बहुत ही शुभ संयोग है। इस दिन इन दो महत्वपूर्ण व्रतों के लिए कुछ सरल उपाय करने से आप भगवान विष्णु और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए, स्नान के बाद एक साफ रेशमी या सूती धागा लें और उसमें 14 गांठें लगाएं। इसे 'अनंत सूत्र' कहा जाता है। अब, इस धागे को भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने रखें, 'ॐ अनंताय नमः' मंत्र का जाप करें और फिर इस सूत्र को अपने हाथ में बांध लें। यह उपाय आपको सभी बाधाओं से बचाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए इस दिन दान का विशेष महत्व है। शाम को पूजा करने के बाद, आप काले तिल, सरसों का तेल, या काली उड़द दाल जैसी कोई भी काली वस्तु किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। यह उपाय शनिदेव को प्रसन्न करता है और शनि की साढ़ेसाती या ढैया के अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
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image credit: herzindagi
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