27 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है और आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। मां स्कंदमाता को ज्ञान, संतान सुख और मोक्ष की देवी माना जाता है। एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि आज दोपहर 12:03 PM के बाद षष्ठी तिथि लगेगी, जो मां कात्यायनी की पूजा के लिए निर्धारित है, हालांकि मुख्य पूजा अगले दिन होगी। आज अनुराधा नक्षत्र का पूरा दिन प्रभाव रहेगा और प्रीति योग बनेगा, जो प्रेम और मित्रता के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शनिवार होने के कारण, शनि देव की पूजा और दान-पुण्य करना विशेष रूप से लाभकारी रहेगा।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
अश्विन शुक्ल पंचमी | अनुराधा | शनिवार | प्रीति | बालव |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06:12 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:12 बजे |
चंद्रोदय | सुबह 11:01 बजे |
चंद्रास्त | रात 09:15 बजे |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:38 बजे से 05:25 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक |
अमृत काल | दोपहर 1:26 बजे से 05:24 बजे तक |
रवि योग | दोपहर 06:12 बजे से 07:15 बजे तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 09:12 बजे से दोपहर 10:42 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 07:12 बजे से सुबह 07:42 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 01:42 बजे से शाम 03:12 बजे तक |
दिशा शूल | पूर्व दिशा |
27 सितंबर 2025 का दिन शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है, इसलिए इस दिन मुख्य रूप से मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। मां स्कंदमाता को संतान सुख, ज्ञान और मोक्ष की देवी माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों को बुद्धि और शांति मिलती है। चूंकि तिथि दोपहर में बदल रही है, इसलिए यह दिन स्कंद षष्ठी के व्रत के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस प्रकार, यह दिन मां दुर्गा और भगवान कार्तिकेय की भक्ति के लिए समर्पित है।
27 सितंबर 2025 को नवरात्रि की पंचमी तिथि पर शनिवार का दिन पड़ रहा है, जिससे इस दिन शनिदेव की पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस शुभ संयोग में, जहां एक ओर मां स्कंदमाता की पूजा से हमें ज्ञान और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है, वहीं शनिदेव की पूजा करने से जीवन के कष्ट, बाधाएं और दुर्भाग्य दूर होते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, इसलिए नवरात्रि में उनकी पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित लोगों को विशेष राहत मिलती है और मां दुर्गा व शनिदेव दोनों की कृपा से सुख-समृद्धि और स्थिरता आती है।
27 सितंबर 2025 को नवरात्रि की पंचमी तिथि के साथ शनिवार का शुभ संयोग बन रहा है, इसलिए इस दिन आपको दो महत्वपूर्ण देवियों और शनिदेव की कृपा पाने के उपाय करने चाहिए। सबसे पहले, मां स्कंदमाता की पूजा करें, जो पंचमी की देवी हैं। उन्हें केले का भोग लगाएं और पीले वस्त्र अर्पित करें। इससे आपको संतान सुख, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही, इस दिन बच्चों को केले या पीले रंग की मिठाई दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
शनिवार का दिन होने के कारण, शनिदेव की पूजा भी ज़रूर करें ताकि जीवन के कष्ट और बाधाएं दूर हों। इसके लिए आप शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। अगर आप शनि की साढ़ेसाती या ढैया से परेशान हैं, तो काले तिल और सरसों का तेल किसी ज़रूरतमंद को दान करें। ये उपाय शनिदेव को प्रसन्न करते हैं और मां स्कंदमाता के आशीर्वाद से आपके जीवन में स्थिरता और सुख-समृद्धि लाते हैं।
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