Why is lord Krishna called madhusudan ()

भगवान श्रीकृष्ण को क्यों कहा जाता है मधुसूदन?

भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के आठवें अवतार के रूप में माने जाते हैं। बालकृष्ण के रूप में उनकी चंचलता, राधा के साथ उनके प्रेम, मथुरा और द्वारका में उनके राजनीतिक जीवन, महाभारत युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश देना - ये सभी लीलाएं हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में गहरा ज्ञान देती हैं।
Editorial
Updated:- 2024-09-09, 12:00 IST

सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि विष्णु के आठवें अवतारों में से एक है। श्रीकृष्ण को प्रेम का कारक माना जाता है। वहीं भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप में उनकी चंचलता, श्री राधा के साथ उनके प्रेम। मथुरा और द्वारका में उनका राजनीतिक जीवन। महाभारत युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश देना। यह सभी लीलाएं भक्तों के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत ज्ञान देती है। आपतो बता दें, भगवान श्रीकृष्ण को कई नामों से पुकारा जाता है। अब ऐसे में श्रीकृष्ण का नाम मधुसूदन कैसे पड़ा। इसके बारे में आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। 

भगवान श्रीकृष्ण का नाम मधुसूदन कैसे पड़ा? 

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मधुसूदन नाम भगवान श्रीकृष्ण का एक महत्वपूर्ण नाम है। यह नाम उन्हें उनके एक प्राचीन दैत्य रूपी शत्रु, मधु को मारने के कारण मिला। मधु नामक एक दैत्य ने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया था। उसने ब्रह्मा जी से एक वरदान प्राप्त किया था कि उसे कोई देवता ही मार सकता है। मधु ने अपनी शक्ति से देवताओं को स्वर्ग से खदेड़ दिया और स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया।

देवताओं ने ब्रह्मा जी से इस समस्या का समाधान मांगा। ब्रह्मा जी ने उन्हें बताया कि मधु को मारने के लिए उन्हें विष्णु भगवान का अवतार लेना होगा। इसीलिए, विष्णु भगवान ने मधु को मारने के लिए वामन अवतार लिया। जब वामन अवतार ने मधु को मार दिया, तब से विष्णु भगवान को मधुसूदन कहा जाने लगा। बाद में, जब विष्णु भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया, तो यह नाम उनके साथ जुड़ गया।

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क्या है मधुसूदन नाम का महत्व? 

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मधुसूदन नाम भगवान श्रीकृष्ण की असुरों पर विजय का प्रतीक है। यह नाम यह भी दर्शाता है कि भगवान श्रीकृष्ण देवताओं के रक्षक हैं। मधु का वध अधर्म का नाश करने का प्रतीक है। यह नाम भगवान श्रीकृष्ण की असीम शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक है। भक्तों के लिए मधुसूदन नाम भगवान श्रीकृष्ण के एक रक्षक और संरक्षक के रूप में भी देखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के मधुसूदन स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को सभी भय से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है। 

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Image Credit- HerZindagi

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