Janmashtami 2025 Vrat Paran: कब और कैसे करें जन्माष्टमी व्रत का पारण, यहां जानें शुभ समय, विधि और जरूरी नियम

Janmashtami Vrat Paran Vidhi or Niyam 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पावन पर्व है, जिसे भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और मंदिरों में भजन-कीर्तन करते हैं। यही नहीं लड्डू गोपाल की पूजा करने आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि आप भी जन्माष्टमी का व्रत करती हैं तो आपके लिए इसका पारण करना भी जरूरी है। इस व्रत का पारण सही समय, विधि और नियम से करने के लिए आपको इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। आइए यहां व्रत का पारण करने की सही विधि जानें। 
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जन्माष्टमी व्रत पारण का समय क्या है? (Janmashtami Vrat Paran Muhurat 2025)

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  • जन्माष्टमी 16 अगस्त को रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद विधिपूर्वक व्रत का पारण किया जाएगा।
  • इस साल व्रतपारण 17 अगस्त को सुबह 5:51 बजे किया जा सकता है।
  • ऐसा इसलिए क्योंकि रोहिणी नक्षत्र इस बार 17 की सुबह लग रहा है। इसलिए आपको इसमें ही व्रत का पारण करना जरूरी है।

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जन्माष्टमी व्रत पारण की विधि और नियम क्या है? (Janmashtami Vrat Paran Vidhi 2025)

  • व्रती सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करें और उन्हें धन्यवाद अर्पित करें।
  • प्रार्थना करें कि उन्होंने आपके व्रत को सफल बनाया और आपकी मनोकामनाएं पूरी कीं। पारण के दिन भोजन हल्का और सात्विक होना चाहिए। आमतौर पर फल, दूध, दही, मठ्ठा या कुट्टू का आटा जैसे पदार्थ सेवन किए जाते हैं।
  • भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किए गए भोग का प्रसाद परिवार और भक्तों के बीच वितरित करें।
  • फिर स्वयं ग्रहण करें। पारण के समय सफाई का ध्यान रखें। व्रत के पारण के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है। यह व्रत के पुण्य को बढ़ाता है।

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जन्माष्टमी व्रत पारण के दौरान किन मंत्रों का करें जाप?

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जन्माष्टमी व्रत के पारण के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। ऐसा करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है।

  • ॐ श्री कृष्णाय नमः
  • ॐ वासुदेवाय नमः
  • ॐ हरये नमः
  • श्री कृष्ण शरणं मम
  • श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • जन्माष्टमी के व्रत पारण को किस समय करें?

    इस वर्ष व्रत पारण 17 अगस्त को सुबह 5:51 बजे किया जा सकता है।
  • व्रत को खोलते समय क्या करना जरूरी होता है?

    इसके लिए आपको भगवान कृष्ण के आशीर्वाद लेने के बाद किसी भी चीज को ग्रहण करना होता है।