प्रयागराज में हर साल माघ के महीने में मेला का आयोजन किया जाता है। इस साल भी इस मेले का आयोजन किया जाएगा। प्रयागराज में मेले की तैयारी जोरो शोरों से शुरू हो चुकी है। प्रयागराज में गंगा स्नान के लिए माघ के महीने में देश-विदेश से लोग आता हैं। माघ मास में गंगा स्नान का विशेष लाभ और पुण्य बताया गाया है। संगम तट पर स्नान को लेकर यह मान्यता है कि सारे पाप धुल जाते हैं और विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान के अलावा त्रिवेणी संगम स्नान को लेकर यह मानना है कि मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रयागराज में इस त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम है, इसलिए इसे त्रिवेणी कहा जाता है। माघ के मेले के अलावा और भी कई शुभ तिथियों में श्रद्धालु यहां आते हैं और स्नान कर पुण्य की प्राप्ति करते हैं। प्रयागराज में माघ मास के दौरान साधु संत कल्पवास और धार्मिक कार्य करते हैं।
कब होगी माघ मेला 2024 की शुरुआत
साल 2024 में माघ मेला की शुरुआत 15 जनवरी से शुरू होगी, जो कि 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगी। हिंदू धर्म के अनुसार इस माघ मेला के दौरान की जाने वाली त्रिवेणी स्नान का विशेष लाभ और पुण्य बताया गया है। हर साल मकर संक्रांति के महापर्व के साथ इस मेले की शुरुआत होती है और महाशिवरात्रि के दिन स्नान के बाद समाप्त होती है।
माघ मेला 2024 में स्नान की प्रमुख तिथियां (Magh Mela Snan Tithi 2024)
- प्रथम स्नान-मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024
- दूसरा स्नान-25 जनवरी 2024 पौष पूर्णिमा, (कल्पवास प्रारंभ)
- तीसरा स्नान-9 फरवरी 2024 मौनी अमावस्या
- चौथा स्नान- बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024
- पांचवा स्नान-माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024
- छठवां और अंतिम स्नान-8 मार्च 2024 महाशिवरात्रि
इस वर्ष माघ मेला स्नान के लिए 6 प्रमुख दिन की सूची इस प्रकार से है। 15 जनवरी को शुरू होने वाली यह माघ मेला 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगी।
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माघ मेला के इस पावन पर्व पर क्या करें क्या न करें
- माघ मास विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है इसलिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और भजन जरूर करें।
- माघ मास में मांसाहार, शराब, लहसुन प्याज जैसे तामसिक भोजन से परहेज करें।
- संगम स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन और परिक्रमा जरूर करें।
- माघ मास में तुलसी और गीता का पूजा पाठ करें।
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Image Credit: Her Zindagi
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