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Ekadashi Vrat in February 2025: फरवरी के महीने में कब-कब पड़ेंगी एकादशी तिथियां, यहां लें शुभ मुहूर्त समेत अन्य जानकारी

एकादशी के व्रत का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत का पालन करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है और समृद्धि आती है। अगर आप भी यह व्रत रखते हैं तो फरवरी महीने की एकादशी तिथियों के बारे में यहां जानें।
Editorial
Updated:- 2025-02-05, 11:15 IST

हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने दो बार यह तिथि पड़ती है, पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस प्रकार एकादशी का व्रत पूरे साल में 24 बार होता है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। भगवान विष्णु की आराधना के लिए भी यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। हर माह की ही तरह फरवरी 2025 में भी दो महत्वपूर्ण एकादशी तिथियां पड़ेंगी। पहली जाया एकादशी और दूसरी विजय एकादशी। इन दोनों ही तिथियों का अपना विशेष महत्व है।

जो लोग नियमित रूप से इस व्रत का पालन करते हैं उनके लिए इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि किस महीने में कब यह व्रत रखा जाएगा और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। अगर आप भी इस बात की जानकारी लेना चाहते हैं कि साल के दूसरे महीने यानी फरवरी में यह एकादशी तिथियां कब-कब पड़ेंगी, इनकी पूजा का शुभ समस्य क्या है और इनका महत्व क्या है, तो ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से इसके बारे में विस्तार से जानें।

जया एकादशी फरवरी 2025 कब है?

jaya ekadashi vrat significance

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी कि फरवरी के महीने में पड़ने वाली जया एकादशी तिथि 08 फरवरी 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। यह एकादशी तिथि माघ माह के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाएगी। यह उदया तिथि के अनुसार 08 फरवरी को पड़ रही है, इसी वजह से जया एकादशी का व्रत इसी दिन रखना शुभ होगा।  एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के लिए किया जाता है और इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है।

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जया एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?

जया एकादशी आरंभ- 7 फरवरी, रात्रि 09 बजकर 26 मिनट पर।
जया एकादशी का समापन- 08 फरवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा।
उदया तिथि के अनुसार जया एकादशी शनिवार, 08 जनवरी को मनाई जाएगी।
जया एकादशी का पारण- 09 फरवरी, द्वादशी तिथि के दिन करना शुभ होगा।
जया एकादशी का व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस दिन यदि आप शुभ मुहूर्त में व्रत उपवास करें और विशेष मंत्रों का जाप करें तो जीवन में खुशहाली बनी रहती है और मणिकामनाओं की पूर्ति होती है।

जया एकादशी का महत्व

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जया एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पुण्यदायी तिथि मानी जाती है। यह व्रत माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है और इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो सकते हैं और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुल सकते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार जया एकादशी के दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है, जो मानसिक और आध्यात्मिक रूप से ईश्वर की कृपा पाना चाहते हैं। यही नहीं इस एकादशी तिथि को दान, जप और ईश्वर का ध्यान करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।

विजया एकादशी फरवरी 2025 कब है?

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 फरवरी 2025, सोमवार के दिन पड़ेगी।

विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?

विजया एकादशी का आरंभ- 23 फरवरी दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर
विजया एकादशी का समापन- 24 फरवरी दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार विजया एकादशी का व्रत- 24 फरवरी को रखा जाएगा।
यही नहीं विजया एकादशी के दिन सिद्धि और शिववास योग का संयोग बन रहा है।
विजया एकादशी का ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 11 मिनट से प्रातः 06 बजकर 01 मिनट तक

विजया एकादशी का महत्व

ekadashi vrat significance

विजया एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है और इसका पालन करने से व्यक्ति को जीवन में विजय और सफलता प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने और व्रत रखने से न सिर्फ पापों का नाश होता है, बल्कि हर कार्य में सफलता और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने से पहले विजया एकादशी का व्रत किया था, जिससे उन्हें रावण के खिलाफ युद्ध में सफलता मिली थी। इसलिए इस एकादशी को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने वाला व्रत माना जाता है। जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और भक्ति से विजया एकादशी का उपवास रखता है, उसे हर क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है।

यदि आप भी एकादशी व्रत का पालन करते हैं तो यहां फरवरी के व्रत की तिथियों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। आपकी इस बारे में क्या राय है, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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