#बंधननहींआज़ादी: क्या आज भी आजाद महसूस करती हैं देश की महिलाएं?

देश अपनी आजादी की 72वीं सालगिरह मना रहा है, लेकिन इस मौके पर क्या देश की महिलाएं भी खुद को आजाद महसूस कर रही हैं, आइए जानें उन्हीं की जुबानी।

 
Pooja Sinha

देश आजादी की 72वीं सालिगरह बना रहा है। पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जश्न मनाए जा रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि देश की महिलाएं खुद को कितना आजाद महसूस करती हैं। इस बारे में हमने बात की कुछ महिलाओं से और उन्होंने इस विषय पर हमारे सामने खुलकर अपने विचार रखे। 

महिला सुरक्षा

देश की हर महिला चाहती है कि वह देश के किसी भी हिस्से में और दिन के किसी भी पहर में बिना किसी झिझक और संकोच के घूम सके। उसे अपनी सुरक्षा के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं हो। देश में दिन दहाड़े महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़, यौन हिंसा और भद्दे कमेंट्स, ये सभी चीजें महिलाओं को उनकी आजादी का अहसास कराने से रोकती हैं। अलग-अलग उम्र वर्ग की महिलाओं ने इस पर अलग तरह के विचार रखे। जहां कुछ ने खुद को आजाद बताया तो वहीं कुछ ने कहा कि उन्हें देश को आजादी मिलने के एक दशक बीतने के बाद भी आजादी का अहसास नहीं होता। कुछ का मानना था कि सुरक्षा के मुद्दे पर उन्हें थोड़ी बंदिश जैसी महसूस होती है। 

इन चीजों से आजादी चाहिए

महिलाओं को किन चीजों से आजादी चाहिए, इस पर भी उनके अपने मत हैं। प्रोफेशनल लाइफ में आगे बढ़ने की प्रतियोगिता से कुछ महिलाओं को आजादी चाहिए, वहीं कुछ ने कहा कि महिलाओं को अपने मनपसंद काम करने की आजादी होने चाहिए और इसके लिए समय भी उन्हीं के हिसाब से तय होना चाहिए, क्योंकि किसी को भी इस बात का हक नहीं है कि वह महिला को कमजोर होने का अहसास दिलाए। कुछ मैच्योर महिलाओं ने कहा कि महिलाओं को अपने दिल की बात कहने, खुद को एक्सप्रेस करने की आजादी होनी चाहिए तो वहीं कुछ ने महिलाओं को ड्रेस पहनने के मामले में आजाद महसूस करने की इच्छा जताई। 

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