एक सेलेब्रिटी मॉम होना और प्यार बरसाने वाली मां एक साथ होना बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के लिए खासा मुश्किल होता है, लेकिन इन दोनों भूमिकाओं में परफेक्ट बैलेंस स्थापित करने का काम ये बेहतरीन तरीके से करती हैं। ये मॉम्स इस बात का पूरा ध्यान रखती हैं कि उनके बच्चे बड़े होकर बेहतर इंसान बनें और देश के जिम्मेदार नागरिक बनें। बच्चों की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने से लेकर उन्हें स्पेशल फील कराने तक ये सेलेब्रिटी मॉम हर बात का खयाल रखती हैं। इन मॉम्स से आप भी ले सकती हैं पेरेटिंग की इंस्पिरेशन।
करीना कपूर खान और सैफ अली खान अपने बच्चे तैमूर अली खान को खूब पैंपर करते हैं। करीना कपूर और सैफ दोनों ही इस बात में यकीन रखते हैं कि बच्चे को पूरा स्पेस दिया जाना चाहिए ताकि वह अपनी इंडिविजुअलिटी को एक्सप्लोर कर सके। करीना कपूर कहती हैं,'मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा बड़े होकर अपनी मर्जी से अपना करियर चुनने का फैसला ले। अगर वह एक्टिंग में भी जाना चाहे तो मुझे इस पर कोई एतराज नहीं होगा। वहीं सैफ का मानना है कि अगर तैमूर बड़े होकर अपने स्वर्गीय दादा नवाब पटौदी की तरह क्रिकेटर बने, तो उन्हें बहुत खुशी होगी।
बबली मॉम और अजय देवगन की पत्नी काजोल मानती हैं कि बच्चों को अनुशासन में रखना बहुत जरूरी है ताकि उनमें अच्छी आदतें विकसित हों। एक बार काजोल ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जैसा कि मेरी मॉम ने कहा था, मेरे घर का गोल्डन रूल है कि मैंने जो कह दिया, वह पत्थर की लकीर है और उस पर आगे कोई बात नहीं होगी। मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे बच्चे मेरी कही गई 70 फीसदी बातें मान लेते हैं। 30 फीसदी पर झगड़ा और कंप्रोमाइज होता है, लेकिन हम डील कर लेते हैं। मुझे लगता है कि यह अनुपात अच्छा है।'
सिंगल मॉम सुष्मिता शुरुआत में स्ट्रिक्ट मदर थीं, लेकिन जब उन्होंने रियलाइज किया कि उनकी बेटियां अनुशासित हो गई हैं तो वह सॉफ्ट हो गईं। वह बताती हैं, 'मैं शुरुआत में अपने बच्चों के लिए बहुत कड़क थी, लेकिन अब मैं थोड़ी सॉफ्ट हो गई हूं। रेने मुझे बताती है कि उसने अपने लिए बहुत कड़े नियम बना रखे ताकि वह डिसिप्लिन को सही तरीके से समझ सके।'
रितिक रोशन की पत्नी रही सुजैन खान काफी विनम्र मानी जाती हैं। सुजैन पैंपरिंग में या फिर बच्चों को बदलने में यकीन नहीं रखतीं। सुजैन मानती हैं, 'बच्चों को अपनी कल्पना शक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाने में मदद मिलती है। शुरुआत से ही मैंने और रितिक ने माना है कि बच्चों को बराबर वालों या दोस्तों की तरह ट्रीट करना चाहिए।
आपका बच्चा अपने आसपास जो भी देख रहा है उसे एब्जॉर्ब कर रहा है, इसीलिए आप अपने बच्चे के सामने जो कुछ भी कहें, उसे लेकर सतर्क रहें। अगर आपके बच्चे आपके शब्दों को रिपीट रहे हैं तो उनके साथ बहुत कड़ाई से पेश नहीं आएं। चाहें उनका करियर हो या धर्म, उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएं।
डॉक्टर से शादी करने के बाद माधुरी दीक्षित नेने अपनी हेल्थ के लिए काफी कॉन्शस रहती हैं। माधुरी दीक्षित इस बात को सुनिश्चित करती हैं कि उनके बच्चे दांतों को ब्रश करके सोएं। माधुरी दीक्षित अपने बच्चों को भरपूर प्यार देती हैं। वह कहती हैं, 'मैं बच्चों के इमोशन्स की कद्र करती हूं और उनके सवालों के सेंसिबल जवाब देने की कोशिश करती हूं। हम बच्चों को जैसी बातें बताते हैं, उनके मन में हमारी और हमारी दुनिया की वैसी ही छवि बन जाती है।'
करिश्मा कपूर काफी स्ट्रिक्ट मॉम हैं, लेकिन वह अपने बच्चों को प्रकृति के बीच ले जाना पसंद करती हैं। उनका विश्वास है कि हर तरह की एक्टिविटीज में बच्चों के शामिल होने से उनका संतुलित विकास होता है। बच्चे नेचर से बहुत कुछ सीखते हैं जैसे कि कूल रहना पेशंस रखना, इसीलिए उन्हें नेचुरल स्पेस में ले जाना चाहिए।
अरबाज खान से तलाक ले चुकीं मलाएका बॉलीवुड की सबसे क्यूटेस्ट मॉम मानी जाती हैं। उनका मानना है कि बच्चों को पूरी आजादी देना चाहिए ताकि वे सोच-समझकर फैसले लेना सीखें और बड़े होकर देश के जिम्मेदार नागरिक बनें। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मुझे अपने बच्चों के लिए चीजें प्लान करने की कोई जल्दी नहीं है। मैं ऐसी मां नहीं हूं, जो बच्चों पर अपनी उम्मीदें थोप दे। यह अरहान को फैसला लेना है कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहता है।'
बॉलीवुड की यह खूबसूरत मॉम मानती है कि बच्चों की परवरिश का मतलब 'ये करो और ये ना करो' नहीं है। बच्चों पर ज्यादा रोकटोक ना लगाएं और उन्हें खुद समझने दें कि क्या सही है और क्या गलत। उनका मानना है कि बच्चे बड़ों से ज्यादा समझदार होते हैं और उनके साथ लाइफ की जर्नी को एंजॉय करना चाहिए। रवीना ने दो बच्चियों को गोद लेकर महिलाओं के लिए एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया था। कुछ वक्त पहले उनकी छोटी बेटी छाया की गोआ में शादी हो गई।
आमिर खान की पत्नी और बॉलीवुड की यह कूलेस्ट मॉम यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह अपने बच्चे को सेलेब्रिटी की तरह नहीं बल्कि नॉर्मल और केयरफ्री बचपन दे। वह कहती है कि मां बनना दुनिया की सबसे खूबसूरत प्रक्रिया है और वह इस बात की पूरी कोशिश करती है कि अपने बच्चे की परवरिश वह सही तरीके से कर सके। किरण राव का यह भी मानना है कि बच्चों की छोटी-छोटी शैतानियों को इग्नोर कर देना चाहिए और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण चीजों पर फोकस करना चाहिए।