हिंदू धर्म में हर महीने ढेरों त्योहार आते हैं। कुछ बहुत बड़े हैं, तो कुछ छोटे होने के बावजूद बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। पूर्णिमा का पर्व भी ऐसा ही होता है। हर माह में 1 पूर्णिमा आती है, हर पूर्णिमा का महत्व भी अलग होता है। आज हम जिस पूर्णिमा की बात कर रहे हैं, वह वट पूर्णिमा है। वट पूर्णिमा का पर्व महिलाओं के लिए विशेष होता है। खासतौर पर , इस पर्व को महाराष्ट्र में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा की जाती है। इस वर्ष वट पूर्णिमा 14 जून को पड़ रही है, इस अवसर पर हम आपको बताएंगे कि बरगद के पेड़ की परिक्रमा करने से आपको क्या लाभ हो सकते हैं। इस विषय में हमें मध्‍यप्रदेश छिंदवाड़ा निवासी पंडित सौरभ त्रिपाठी ने जानकारी दी है। इसे जरूर पढ़ें: <a href="https://www.herzindagi.com/hindi/society-culture/nirjala-ekadashi-2022-what-to-donate-according-to-zodiac-signs-slideshow-23262" target="_blank">Nirjala Ekadashi 2022: राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, बनेंगे बिगड़े काम</a>
बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं का वास होता है। इस पेड़ की यदि आप परिक्रमा करती हैं तो आपको एक साथ तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
हिंदू शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि महिलाओं को बरगद के पेड़ की परिक्रमा करने पर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
बरगद का पेड़ हमें 20 घंटे ऑक्सीजन देता है। अगर आप नियमित इसकी परिक्रमा करती है, तो इससे आपका जीवन भी बढ़ता है।
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बरगद के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करने का नियम शास्त्रों में बताया गया है।
बरगद के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा जी का वास होता है।
बरगद के पेड़ की छाल में भगवान विष्णु जी का वास होता है।
बरगद के पेड़ के तनों में भगवान शिव जी का वास होता है।
शास्त्रों में बरगद के पेड़ को मंगल ग्रह का कारक माना गया है। अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो आपको बरगद के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए।
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