हमारे शरीर को हेल्दी रहने के लिए विभिन्न प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। इनमें से एक विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स भी है। अन्य विटामिन्स की तरह यह भी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी विटामिन्स में से एक है। विटामिन-बी 8 जरूरी पानी में घुलनशील विटामिन्स का समूह है जो शरीर के जरूरी कामों में मदद करते हैं। यह विविध प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। ये रेड सेल्स का निर्माण करते हैं और साथ ही ब्रेन स्पाइनल कॉर्ड के कुछ तत्वों की रचना करने में भी सहायक होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि ये विटामिन विभिन्न न्यूरोकेमिकल्स के संश्लेषण को उत्तेजित करके ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा दे सकते हैं। साथ ही यह हार्ट हेल्थ और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं और फोलेट (विटामिन बी 9) प्रेग्नेंसी के दौरान जन्म दोषों को रोकने में मदद करता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि विटामिन बी कॉम्प्लेक्स आपकी हेल्थ के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
अगर आप अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करना चाहती हैं तो विटामिन बी से भी भरपूर फूड्स अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही फोलेट भी इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है। फोलेट डीएनए के उत्पादन और मरम्मत की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है और इम्यूनिटी पर इसका असर पड़ सकता है।
फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 डिप्रेशन का उपचार करने में मदद करते हैं। विटामिन-बी चिंता और तनाव को दूर करने में मदद करता है।
विटामिन बी को एनीमिया के विभिन्न रूपों के इलाज के लिए जाना जाता है। विटामिन बी 12 रेड ब्लड सेल्स को बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है जो बदले में शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन ले जाता है। विटामिन बी 12 की कमी से एनीमिया का सबसे आम रूप हो सकता है जिसे पेरिनेमिया एनीमिया कहा जाता है। इस तरह के एनीमिया में पर्याप्त हेल्दी रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है।
बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन की कमी को दोषपूर्ण दृष्टि से जोड़ा जाता है। विटामिन बी 12 की कमी से ऑप्टिक न्यूरोपैथी की समस्या भी हो सकती है। इसलिए अगर आप चाहती है कि आपकी आंखों की रोशनी बरकरार रहे तो अपनी डाइट में विटामिन बी से भरपूर फूड्स को शामिल करें।
डेक्सपैंथेनॉल, विटामिन बी 5 (पैंटोथेनिक एसिड) कब्ज की समस्या को कम कर सकता है। डाइजेशन पर बी विटामिन के विभिन्न लाभ पाए गए हैं। सिरोसिस और हेपेटाइटिस सहित लीवर रोगों के कई मामलों में विटामिन बी 12 की कमी देखी गई। पेट के अल्सर की गंभीरता को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका होती है। विटामिन बी 6, बी 9 और बी 12 गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन एस्ट्रोजन के मेटाबॉलिज्म और एक्टिविटी में शामिल होता है। विटामिन बी 6 पिट्यूटरी हार्मोन के विनियमन से जुड़ा हुआ है।
विटामिन बी-2 के सप्लीमेंट बड़ों और बच्चों दोनों में माइग्रेन से राहत देने में मदद करतेे हैंं। यह पोषक तत्व बिना किसी साइड इफेक्ट के माइग्रेन के हमलों की आवृत्ति और अवधि को कम कर सकते हैं।
फोलेट (विटामिन बी 9) प्रेग्नेंसी के दौरान लिया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण विटामिन बी हो सकता है। यह पोषक तत्व शिशुओं में जन्म दोषों को रोकने के लिए जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन बी 6 भी प्रमुख भूमिका निभाता है। यह प्री-एक्लेमप्सिया (एक खतरनाक गर्भावस्था जटिलता के साथ हाई ब्लड प्रेशर) और प्रीटर्म जन्म को रोकने में मदद करता है।
इसकी मदद से प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है। विटामिन बी 1 और बी 2 का अधिक सेवन प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम के जोखिम को कम करने में मदद करता है, खासकर जब विटामिन प्राकृतिक खाद्य स्रोतों से लिया गया हो।
विटामिन बी की कमी से ऊर्जा भंडार कम हो सकता है जो हृदय की विफलता के रोगियों में मायोकार्डियल डिसफंक्शन से जुड़ा हुआ है। साथ ही होमोसिस्टीन शरीर में होने वाला एक एमिनो एसिड है, जिसके हाई लेवल को हार्ट डिजीज से जोड़ा जाता है। विटामिन बी 1 की कमी से बेरीबेरी हो सकता है, एक बीमारी जो नसों की सूजन और बाद में दिल की विफलता होती है।
अब तो आप जान ही गए हैं कि बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन के कई फायदे हैं और मानव शरीर प्रणाली में उनकी कई भूमिकाएं हैं। इन बी विटामिनों में से प्रत्येक एक विशिष्ट उद्देश्य प्रदान करता है। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।