सैनिटरी पैड्स के side effects के बारे में जानिए

सैनिटरी पैड्स लड़कियों के लिए बेहद जरूरी है क्‍योंकि यह आपको पीरियड्स में टेंशन फ्री रखते हैं। लेकिन क्‍या ये सुरक्षित भी है..

Pooja Sinha

सैनिटरी पैड्स लड़कियों के लिए बेहद जरूरी है क्‍योंकि यह आपको पीरियड्स में टेंशन फ्री रखते हैं। लेकिन क्‍या ये सुरक्षित भी है....
शायद नहीं, केमिकल के इस्‍तेमाल से बनते है ये पैड्स। जिसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। जी हां सैनिटरी पैड्स में डायोक्सिन, रेयॉन, फ्रेगरेंस और डियो का इस्‍तेमाल किया जाता है। जिससे आपको कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं। आइए इस वीडियो के माध्‍यम से इस विषय पर विस्‍तार से जानकारी लेते हैं।  

डायोक्सिन

पैड्स को सफेद करने के लिए इस केमिकल का इस्‍तेमाल किया जाता है। हालांकि इसकी मात्रा कम होती है लेकिन फिर भी नुकसान पहुंचाता है। इसके चलते ओवेरियन कैंसर, हार्मोन डिसफंक्‍शन, डायबिटीज की समस्‍या हो सकती है।
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रेयॉन

पैड्स की सोखने की क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें रेयॉन का इस्‍तेमाल किया जाता है। रेयॉन में भी डायोक्सिन होता है। जो सेहत के हिसाब से बिल्‍कुल भी सही नहीं है। इससे थायरॉयड, अवसाद और infertility की समस्‍या होती है।

सेल्यूलोज

सबसे पहले बता दे की सैनेटरी पैड्स को बेहतर बनाने यानि की सोखने की क्षमता के लिए इसमें सेल्यूलोज का इस्तेमाल किया जाता है। जो हेल्‍थ के हिसाब से बिल्कुल भी सही नहीं है। वैसे भी आजकल महिलाओं में सरवाइकल कैंसर के ज्यादा लक्षण पाए जा रहे हैं। ऐसे में महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले सरवाइकल कैंसर के पीछे की एक वजह ये भी होती है।
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फ्रेगरेंस और डियो

अपने प्रोडक्‍ट को अलग करने के लिए, नैपकिन कंपनियां व्‍यापक रूप से इसका इस्‍तेमाल करती हैं। इससे एलर्जी और त्‍वचा को नुकसान हो सकता है।
Vagina में staphylococcus aureus bacteria बनते हैं। जिससे डायरिया, बुखार और ब्‍लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है।
सेहत से समझौता न करें सोझ-समझकर अपना सैनिटरी पैड चुनें!  

Credits

Producer: Prabhjot Kaur
Editor: Atul Tripathi

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