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दुबली-पतली महिलाएं वजन बढ़ाने के लिए खाएं ये फूड्स, जल्‍द दिखेगा असर

अगर आप सोच रही है कि वजन बढ़ाने के लिए, सब कुछ या कुछ भी खा लेना पर्याप्त है तो सावधान रहें क्‍योंकि इससे आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगी और निश्चित रूप से आप आपके स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती हैं। वजन बढ़ाने की सबसे अच्‍छी फूड्स की लिस्‍ट और सप्‍लीमेंट के बारे में हम आपको बताते हैं। एक मान्यता है कि पतली महिलाएं कुछ भी और कैसा भी खा लें, पेस्ट्री या बर्गर, लेकिन वह पतली ही रहती हैं। यह भी सच है कि मूलस्वरूप पतलेपन की स्थिति में एक सामान्य कैलोरी इन्टेक (एनर्जी का सेवन- जो महिलाओं के लिए प्रतिदिन 2,000 किलो कैलोरी होता है) से पर्याप्त वजन बनाए रखना संभव नहीं है। आपका जो भी वजन हो, परन्तु कुछ फूड्स की अधिकता या आहार में असंतुलन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप अपना वज़न विवेकपूर्ण तरीके से बढ़ाना चाहती हैं तो उन सब पदार्थ या पेय, जो बहुत मीठे, बहुत फैटी या बहुत नमकीन (सोडा, तला खाना, पैक्ड भोजन, फ़ास्ट फूड्स, आदि) का सेवन ना करें।  वजन बढ़ाने के प्रमुख फूड्स - प्रोटीन के स्रोत (मसल्‍स के विकास के लिए) और काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (एनर्जी आपूर्ति के लिए) हैं, और इनका एक अच्छा संतुलन आवश्यक है। आइए वजन बढ़ाने वाले सबसे अच्‍छे फूड्स के बारे में जानें और इसके बारे में हमें Nutri4Verve की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट और को-फाउंडर शिवानी सिकरी जी बता रही हैं।  

Pooja Sinha

Editorial

Updated:- 23 Feb 2021, 12:02 IST

अंडे

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अंडों में ऐसे महत्वपूर्ण प्रोटीन होते हैं, जिनकी अमीनो एसिड संरचना मानव शरीर के अपने प्रोटीन (विशेष रूप से मसल्‍स प्रोटीन) के उत्पादन करने के लिए बिलकुल सही है। अंडे उन महिलाओं की ख़ास मदद कर सकते हैं, जो बहुत पतली हैं या जिनकी मसल्‍स में किसी भी कारण से कमी आई है और वह अपनी खोई हुई ताकत वापस पाना चाहती हैं।
सही खुराक
दो अंडे 100 ग्राम मीट या मछली के बराबर होते हैं। आप एक दिन में 1-2 उबले अंडे नाश्ते, लंच या डिनर में खा सकती हैं। 

मीट और चिकन

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इनके प्रोटीन, आवश्यक अमीनो एसिड से संतुलित होते हैं। जब इनका सेवन पर्याप्त मात्रा में होता है तो शरीर की सभी मसल्‍स को सही लाभ मिलता है। मीट और चिकन विटामिन बी-6, विटामिन बी-12 और जिंक के सबसे अच्छे स्रोतों में से हैं, जो शरीर में प्रोटीन के संश्लेषण करने में आवश्यक मदद करते है।
सही खुराक
100 से 150 ग्राम तक भोजन में शामिल करें। साथ ही, प्रति सप्ताह, मीट या चिकन को 500 ग्राम तक सीमित करना अनुशंसित है। 

मछली

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मछली अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन से भरपूर होती हैं जो मसल्‍स के निर्माण के लिए उपयोगी है। ऑयली फिश (हेरिंग, मैकेरल, सार्डिन, सैल्मन) विटामिन डी की भी सबसे अच्छी स्रोत होती हैं, जो हाल ही के अनुसंधानों के अनुसार, मसल्‍स को अच्छी स्थिति के लिए आवश्यक है। विटामिन डी मसल्‍स के प्रोटीन के संश्लेषण को बढ़ावा देता है और इंसुलिन के उपपाचन प्रभाव को कम करता है। मछली में विटामिन बी 6 भी होता है जो प्रोटीन उपापचय में मददगार होता है।
सही खुराक
हफ्ते में दो बार मछली (100 से 150 ग्राम) का सेवन करें। एक बार ऑयली फिश और एक बार लीन फिश (कॉड, हेक, व्हिटिंग, आदि) का चयन भी कर सकती हैं।

दूध

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मसल्‍स को बड़े पैमाने पर लाभ प्राप्त करने के लिए दूध पीने की सलाह शारीरिक एक्‍सरसाइज के एक घंटे के भीतर की जाती है। उनके प्रोटीन आवश्यक अमीनो एसिड में समृद्ध होते हैं, विशेष रूप से ल्यूसीन में, जो मसल्‍स के प्रोटीन के संश्लेषण के लिए अति आवश्यक है। इसके अलावा, दूध सभी प्रकार के प्रोटीन को तेजी से जोड़ने में सहायक है।
सही खुराक
वर्कआउट के बाद, एक घंटे के अंदर, 1/2 लीटर दूध या 200 ग्राम दही (यानि 20 से 25 ग्राम प्रोटीन) तक लिया जा सकता है। 

पनीर

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पनीर 20 से 30% प्रोटीन (मीट जितने बड़े पैमाने पर) प्रदान करता हैं जो मसल्‍स के निर्माण के लिए उपयोगी होता है। ये वो प्रोटीन होते हैं जो शरीर में दो से पांच घंटे के अंतर्ग्रहण के दौरान उपयोग किए जाते हैं। पनीर प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, जिंक (जस्ता) और विटामिन बी 9 में समृद्ध फूड्स हैं।
सही खुराक
प्रति दिन, पनीर (50 से 100 ग्राम) मुख्य भोजन के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है। 

दालें व फलियां

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सभी दालें, छोले, मटर, राजमा, चौड़ी फलियां आदि ये सभी वनस्पतियों से मिलने वाले प्रोटीन के उदहारण है, जिनकी आवश्यक अमीनो एसिड संरचना लगभग मीट के रूप में आंकी जा सकती है। ये मैग्नीशियम के भी अच्छे स्रोत हैं जो मसल्‍स के संश्लेषण के लिए उपयोगी है।
सही खुराक
वेजिटेरियन महिलाएं सप्ताह में प्रतिदिन इसका सेवन कर सकती हैं, ताकि प्रोटीन की अच्छी आपूर्ति बनी रहे। इन्हें ठीक से पचाने के लिए, पकाने से पहले सभी दालों को 8 -12 घंटे के लिए भिगो दें और इन्हें लंबे समय तक धीमी आंच पर पकाएं।

सोया

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सोया, सोये के दाने, सोये का दूध, टोफू आदि सभी प्रोटीन प्रदान करते हैं, जिसकी गुणवत्ता मीट और मछली के लगभग बराबर है। वेजिटेरियन भोजन में सोया मीट के विकल्पों में से हैं। सोया मैग्नीशियम में भी समृद्ध हैं जो मसल्‍स के प्रोटीन के संश्लेषण के लिए आवश्यक हैं।
सही खुराक
प्रतिदिन एक सोया-आधारित भोजन तक सीमित करना उचित है। लेकिन एक बात का ध्‍यान रखें कि हाइपोथायरायडिज्म से परेशान महिलाओं को इसे खाने से बचना चाहिए। आप सोये के दूध को आम दूध या दही के विकल्प में भी सेवन कर सकती है।

ड्राई फ्रूट और बीज

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बादाम, हेज़लनट्स, पिस्ता, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज आदि में 20 से 30% प्रोटीन होता है, जो वेजिटेरियन के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प है। अनसैचुरेटेड फैट्स (कार्डियोवस्कुलर सिस्टम की सुरक्षा) से भरपूर ये बीज कम मात्रा में लेने पर भी बहुत अधिक शक्ति प्रदान करते हैं। ये पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं जो इंसुलिन की गतिविधि और मसल्‍स के प्रोटीन के संश्लेषण को बढ़ावा देते हैं।
सही खुराक
सुबह-सुबह या नाश्ते में प्रति दिन एक मुट्ठी नट्स ड्राई फ्रूट या 1 /2 से 1 चम्मच बीज लें।