why is only manthara reponsible for ram exile

क्यों मंथरा ही बनी थीं श्री राम के वनवास का कारण?

वाल्मीकि रामायण से प्रेरित अन्य देशों में जो रामायण ग्रंथ निर्मित हुए हैं उनमें कई पात्रों के बारे में ऐसी बातें वर्णित हैं जो न कभी इससे पहले सुनी होंगी न जिनके बारे में किसी को पता होगा।  
Editorial
Updated:- 2024-01-17, 16:00 IST

Kaun Thi Manthra: वाल्मीकि रामयण में हर एक पात्र के बारे में बहुत कुछ विशेष जानने को मिलता है। वहीं, वाल्मीकि रामायण से प्रेरित अन्य देशों में जो रामायण ग्रंथ निर्मित हुए हैं उनमें भी रामायण से जुड़े कई पात्रों के बारे में ऐसी बातें वर्णित हैं जो न कभी इससे पहले सुनी होंगी न जिनके बारे में किसी को पता होगा। 

ऐसा ही एक पात्र है मंथरा। मंथरा को श्री राम के वनवास का मुख्य कारण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर मंथरा माता कैकेयी को अपनी बातों में न उल्झातीं तो वह कभी बी राजा दशरथ से श्री राम के वनवास की मांग नहीं करतीं। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि क्यों मंथरा ही बनीं श्री राम के वनवास का कारण। 

मंथरा की वजह से ही क्यों भोगना पड़ा श्री राम को वनवास   

बाहरी देशों में रामायण का जो संस्करण मिलता है उसमें इस बात का उल्लेख है कि मंथरा कैकेयी की ढाई मां थीं। उन्होंने ही कैकेयी माता को बचपन से पाला था। इसी कारण से कैकेयी माता के हृदय में उनके प्रति अपार प्रेम और सम्मान था।

who is manthara in ramayan

जब माता कैकेयी का विवाह राजा दशरथ से हुआ तब मंथरा उनके साथ अयोध्या आ गई थीं। वह कैकेयी के पुत्र भारत से बहुत प्रेम करती थीं लेकिन राम से उन्हें बहुत ईर्ष्या थी। इसी ईर्ष्या के कारण उन्होंने कुटिलता से श्री राम (श्री राम जी के मंत्र) को वनवास भेज दिया था।

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असल में मंथरा एक दिव्य कन्या थीं अपने पूर्व जन्म में और उस जन्म में उन्हें एक श्राप मिला था। कथा के अनुसार, एक बार मंथरा अपने पूर्व जन्म में जंगल में ताप कर रही थीं कि तभी उन्होंने एक साधुको उनकी पत्नी के साथ देखा और वह दर्शन के लिए पहुंचीं। 

तब ऋषि ने कन्या से हासपरिहास में यह पूछा कि सबसे पहले किसका आशीर्वाद वह लेंगी, ऋषि का या उनकी पत्नी का। तब मंथरा ने नादानी में यह सोचकर कि दोनों ऋषि पति-पत्नी नाराज़ न हो जाएं एक भूल कर दी।  

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मंथरा ने पहले ऋषि से आशीर्वाद लिया आर उनकी बड़ाई की एवं उनकी पत्नी को उनसे कम बताया फिर उन्होंने ऋषि की पत्नी का आशीर्वाद लिया और ऋषि को उनकी पत्नी से कम बताया। यह देख ऋषि को क्रोध आ गया और उन्होंने मंथरा को श्राप दे दिया। 

who is manthara

श्राप के अनुसार, अगले जन्म में मंथरा का स्वभाव हर किसी के घर में क्लेश और द्वेष उत्पन्न करने वाला होगा।  जब मंथरा ने क्षमा मांगी तब ऋषि ने उन्हें विष्णु अवतार (इन विष्णु अवतारों के बारे में नहीं जानते होंगे आप) के समय रघुकल में होने का वरदान और राम कार्य में निमित्त बनने का अवसर दिया। 

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों कोई और नहीं बल्कि सिर्फ मंथरा ही बनी श्री राम के वनवास का कारण।  अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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