where do the ancestors go after the end of pitru paksha

पितृपक्ष खत्म होने के बाद कहां चले जाते हैं पूर्वज? जानें उनके स्थान का रहस्य

सर्वपितृ अमावस्या जो कि 21 सितंबर को पड़ रही है पितरों के लिए धरती पर रहने का आखिरी दिन है। इसके बाद पूर्वज अपने स्थान पर लौट जाएंगे, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि पितृपक्ष खत्म होने के बाद पितृ कहां चले जाते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-09-18, 15:01 IST

पितृपक्ष का समय पूर्वजों को याद करने और उनका सम्मान करने का होता है। यह एक ऐसा समय है जब ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वज पृथ्वी पर अपने वंशजों को देखने और उनका आशीर्वाद देने आते हैं। पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक चलता है। अब सर्वपितृ अमावस्या जो कि 21 सितंबर को पड़ रही है पितरों के लिए धरती पर रहने का आखिरी दिन है। इसके बाद पूर्वज अपने स्थान पर लौट जाएंगे, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि पितृपक्ष खत्म होने के बाद पितृ कहां चले जाते हैं। आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

पितृपक्ष के बाद कहां चले जाते हैं पूर्वज?

धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे पूर्वज एक विशेष लोक में निवास करते हैं जिसे पितृलोक कहा जाता है। यह लोक स्वर्ग और पृथ्वी के बीच स्थित माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा इसी लोक में निवास करती है।

pitru paksha ke baad kaha hai pitro ka sthan

पितृपक्ष के दौरान यमराज सभी आत्माओं को उनके वंशजों से मिलने के लिए धरती पर आने की अनुमति देते हैं। जब पितृपक्ष समाप्त होता है, तो पृथ्वी लोक के द्वार फिर से बंद हो जाते हैं और सभी पूर्वज अपनी जगह यानी कि पितृलोक लौट जाते हैं।

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सर्वपितृ अमावस्या की रात, जब पितृ पक्ष समाप्त होता है तो माना जाता है कि सभी पितर अपने लोक में वापस चले जाते हैं। इसी कारण से इस दिन उनके लिए पानी और भोजन रखा जाता है ताकि वे अपनी यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें।

pitru paksha ke baad kaha rahte hain pitra

यह एक प्रतीकात्मक क्रिया है जो यह दर्शाती है कि हम उन्हें प्रेम और सम्मान के साथ विदा कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि जो पितर संतुष्ट होकर वापस जाते हैं, वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

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इसके अलावा, जिन लोगों द्वारा किया गया श्राद्ध पूर्ण रूप से सफल हो जाता है उनके पितृ पुनः पितृलोक में नहीं बल्कि मोक्ष की प्राप्ति कर या तो स्वर्ग के सुख भोगते हैं या फिर उन्हें भगवान के निजी धाम में रहकर उनकी सेवा करने का अवसर मिलता है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
पितरों को भोजन कौन पहुंचाता है?
पितरों को भोजन मुख्य रूप से ब्राह्मणों, कौओं, कुत्तों और गाय के माध्यम से पहुंचता है।
बंधे हुए पितरों को कैसे खोलें?
बंधे हुए पितरों को खोलने के लिए पितृपक्ष में उनका तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करें।
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