where did lord narasimha go after killing hiranyakashipu

हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद कहां चले गए नरसिंह भगवान?

भगवान नरसिंह से जुड़ा एक रहस्य है जो आज भी कायम है और वो यह कि जहां एक ओर भगवान विष्णु के सभी अवतार अवधि पूरी होने पर अपने धाम लौट गए वहीं, भगवान नरसिंह भगवान विष्णु में समाहित होने के बजाय कहीं और चले गए थे।
Editorial
Updated:- 2025-09-24, 15:01 IST

हिरण्यकश्यप का वध भगवान विष्णु के सबसे उग्र और रौद्र अवतारों में से भगवान नरसिंह ने किया था। हिरण्यकश्यप का वध करते समय भगवान नरसिंह इतने क्रोध में थे कि उनके क्रोध के प्रभाव से सृष्टि थर-थर कांपने लगी थी। कथा के अनुसार, ऐसा वर्णित है कि सिर्फ ओर सिर्फ उस समय में प्रहलाद जी ही थे जिन्होंने भगवान नरसिंह की स्तुति कर उन्हें शांत किया था। लेकिन भगवान नरसिंह से जुड़ा एक रहस्य है जो आज भी कायम है और वो यह कि जहां एक ओर भगवान विष्णु के सभी अवतार अवधि पूरी होने पर अपने धाम लौट गए वहीं, भगवान नरसिंह भगवान विष्णु में समाहित होने के बजाय कहीं और चले गए थे। इस बारे में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

हिरण्यकश्यप के वध के बाद कहां चले गए नरसिंह भगवान?

हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद भी नरसिंह भगवान का क्रोध शांत नहीं हो रहा था। उनके क्रोध से तीनों लोकों में भय का वातावरण फैल गया था। देवता, ऋषि-मुनि और यहां तक कि स्वयं लक्ष्मी जी भी उनके पास जाने से डर रही थीं। तब देवताओं ने इस समस्या का हल निकालने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कोई सफल नहीं हो सका।

hiranyakashyap ke vadh ke baad kaha chale gaye the narsingh bhagwan

जब सभी देवता हार मान गए तो उन्होंने भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद से अनुरोध किया। प्रहलाद ने नरसिंह भगवान के सामने जाकर उनकी स्तुति करना शुरू किया। प्रहलाद की भक्ति और प्रेम भरी स्तुति सुनकर नरसिंह भगवान का क्रोध धीरे-धीरे शांत होने लगा। उन्होंने प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाया और आशीर्वाद दिया। यही कारण है कि नरसिंह अवतार को भक्ति और प्रेम की शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है।

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इसके बाद, जब भगवान नरसिंह का क्रोध शांत हुआ तब वे अपने मूल रूप में लौट आए और प्रहलाद को राजपाट सौंपकर वहां से अदृश्य हो गए। इसके बाद, भगवान नरसिंह के कई निवास स्थान बताए जाते हैं। आंध्र प्रदेश का अहोबिलम सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध स्थान है। यहां नौ अलग-अलग नरसिंह मंदिर हैं जो 'नवा नरसिंह' के नाम से जाने जाते हैं। कथाओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप वध के बाद भगवान नरसिंह ने यहीं पर निवास किया था।

hiranyakashyap ka vadh karne ke baad kaha chale gaye the narsingh bhagwan

शास्त्रों के अनुसार, कर्नाटक का श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में पृथ्वी पर भ्रमण के समय भगवान नरसिंह ने यहां कुछ समय के लिए विश्राम किया था। उड़ीसा का नृसिंहनाथ मंदिर भी भगवान नरसिंह का विश्राम स्थान माना जाता है। हालांकि अगर शास्त्रों के अनुसार समझें तो उस हिसाब से आज भी भगवान नरसिंह अपने शांत स्वरूप में पृथ्वी पर ही निवास कर रहे हैं और किसी गुप्त स्थान पर तपस्या कर रहे हैं।

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FAQ
भगवान नरसिंह की प्रतिमा घर में क्यों नहीं रखते हैं?
भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के रौद्र रूप हैं औ रौद्र रूप की पूजा गृहस्थी द्वारा वर्जित मानी गई है।
भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने का मंत्र कौन सा है?
भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने का मंत्र 'ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युं मृत्युं नमाम्यहम्॥' है।
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