इस साल पितृ पक्ष का शुभारंभ 07 सितंबर, रविवार भाद्रपद पूर्णिमा से हो रहा है और इसका समापन सर्व पितृ अमावस्या के साथ होगा। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और हम उनकी आत्मा की शांति के लिए कई उपाय करते हैं। पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक का समय पूर्वजों के लिए बहुत खास माना जाता है और इस दौरान तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं। यही नहीं हम उन दिनों में अलग-अलग तिथियों के अनुसार श्राद्ध कर्म करते हैं, जिससे जीवन में पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि आपको पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान भी रखना चाहिए और कुछ चीजों को करने से बचना भी चाहिए। ऐसे ही पितृ पक्ष में यदि आप श्राद्ध कर्म करती हैं तो आपको इस दौरान सात्विक जीवन जीने की सलाह दी जाती है, यही नहीं इस दौरान आपको तामसिक चीजों से दूर रहने की सलाह भी दी जाती है। यही नहीं आपको पितृ पक्ष शुरू होने के कम से कम तीन दिन पहले ही कुछ कामों को करने से बचना चाहिए और शुद्धता का पूरा ध्यान रखना चाहिए, जिससे किसी भी तरह का पितृ दोष न लगे और पितरों को प्रसन्न किया जा सके। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि आपको पितृपक्ष शुरू होने के पहले से ही किन कामों से बचना चाहिए।
मांसाहार का सेवन न करें
वैसे तो आपको पितृ पक्ष के 16 दिनों में मांसाहार का सेवन न करने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको मांसाहार का सेवन श्राद्ध शुरू होने के कम से कम तीन दिनों पहले से ही बंद कर देना चाहिए। ऐसा करने से आपका शरीर पूरी तरह से पवित्र हो जाता है और किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव जीवन में नहीं होता है।
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घर में कलह-कलेश न करें
यदि आपके घर में बेवजह लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं और घर का माहौल नकारात्मक बना रहता है तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि पितृ पक्ष के कम से कम 3 दिन पहले से ही ऐसा कोई भी काम न करें जिससे आपके पूर्वज नाराज हो जाएं। आपको किसी भी तरह के लड़ाई-झगड़े से बचने की सलाह दी जाती है।
नशीली चीजों का सेवन न करें
अगर आप किसी भी तरह के नशे का सेवन करते हैं तो आपको पितृपक्ष के दौरान इन चीजों का त्याग करना चाहिए, जिससे आपके जीवन में इसका कोई भी नकारात्मक प्रभाव न पड़े। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा धरती पर आती है और अपने वंशजों द्वारा अर्पित भोजन और जल को ग्रहण करती है, लेकिन यदि आप इस दौरान कोई भी नशा करते हैं, तो आपके जीवन में इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं और इसका प्रभाव परिवार में हो सकता है। इसी वजह से आपको यह सलाह दी जाती है कि कम से कम पितृपक्ष शुरू होने के तीन दिन पहले से ही इन चीजों का त्याग कर दें।
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किसी पेड़ की कटाई न करें
कई बार हम इस बात पर ध्यान नहीं दे पाते हैं कि पितृपक्ष का आरंभ होने वाला है। इस अवधि के दौरान भी पेड़-पौधों की कटाई करने लगते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता है ऐसा माना जाता है कि कुछ पवित्र पौधों में पूर्वजों का वास होता है और यदि आप पितृपक्ष या उससे ठीक पहले इन पौधों की कटाई करती हैं तो पूर्वज आपसे नाराज हो सकते हैं, कोशिश करें कि कभी भी बिना वजह पौधों की कटाई न करें। यदि तुलसी के पौधे में भी मंजरी है तो आपको पितृपक्ष के कुछ दिन पहले मंजरी नहीं हटानी चाहिए। ऐसा करने से भी पूर्वज नाराज हो सकते हैं।
गरीबों को न सताएं
कई बार हम जाने अनजाने निर्धन लोगों को सताते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि आप निर्धन लोगों को परेशान करती हैं, तो इसका दुष्प्रभाव आपके जीवन में पड़ता है। आपको वैसे तो कभी भी जरूरतमंदों को सताना नहीं चाहिए, इसलिए आप पितृपक्ष की पवित्र अवधि शुरू होने से पहले से ही इस बात का ध्यान रखें कि भूलकर भी जरूरतमंदों को न सताएं। इस दौरान जरूरतमंदों को सताने से आपको पितरों का आशीर्वाद नहीं मिलता है और पूर्वज नाराज हो सकते हैं।
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अगर आप भी पितरों की नाराजगी से बचना चाहती हैं तो यहां बताई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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