दिवाली का पर्व पूरे साल का सबसे पवित्र और शुभ दिन माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा करके घर में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की जाती है। मुख्य रूप से महिलाएं दिवाली की पूजा विधि-विधान के साथ करती हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि दिवाली के समय महिलाओं को पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। ऐसे में मन में सवाल उठता है कि क्या अब पूजा करना वर्जित है? क्या हम दीपक जला सकते हैं? क्या ऐसे में दिवाली की सजावट कर सकते हैं या माता लक्ष्मी की आराधना कर सकते हैं? समाज में लंबे समय से इस विषय को लेकर कई तरह की धारणाएं प्रचलित हैं और कई लोग पीरियड्स में पूजा पाठ को वर्जित बताते हैं। ऐसे में हमने एस्ट्रोलॉजर अमिता रावल से बात की कि अगर दिवाली पूजा से ठीक पहले पीरियड्स आ जाएं तो आपको क्या करना चाहिए।
यदि आपको दिवाली से पहले या ठीक उसी दिन पीरियड्स आ जाएं, तो सबसे पहले आप मन को शांत रखें। इस समय सबसे महत्वपूर्ण है कि आप खुद को किसी बात के लिए दोषी महसूस न करें, क्योंकि पीरियड्स प्राकृतिक प्रक्रिया मानी जाती है जो किसी महिला को हर महीने होता है। ऐसे में यदि दिवाली के समय पीरियड्स आ जाएं तो परेशान न हों। आप पूजा की तैयारी, सजावट, दीप जलाना और घर की सफाई जैसे काम में हिस्सा ले सकती हैं। बस आप ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी की मूर्ति, भोग या पूजा सामग्री का स्पर्श न करें। मानसिक रूप से पूजा में उपस्थित रहना और श्रद्धा से प्रार्थना करना भी उतना ही फलदायी होता है।
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एस्ट्रोलॉजर अमिता रावल बताती हैं कि आप पीरियड्स के दौरान भी दिवाली के दीये जला सकती हैं। दीवाली प्रकाश का पर्व है और दीपक जलाना किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक माना जाता है। आप अपने घर के आंगन, बालकनी या दरवाजे पर दीपक लगा सकती हैं। सिर्फ इतना ध्यान रखें कि घर के मंदिर के सामने दीपक किसी अन्य सदस्य के हाथों से जलवाएं और पूजा का दीपक न जलाएं।
अगर दिवाली के पर्व के दौरान आपको पीरियड्स आ जाएं तो आपको इस दौरान सजावट करने की मनाही नहीं होती है। ऐसे में आप रंगोली बना सकती हैं।
आप दौरान सूखे रंगों से रंगोली बना सकती हैं, घर में बंधनवार या तोरण लगा सकती हैं और दीयों से घर को सजा सकती हैं। ये सभी कार्य सकारात्मकता और उत्सव का हिस्सा हैं, जिनका संबंध किसी भी अशुद्धि से नहीं होता है।
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पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ की मनाही होती है, लेकिन दिवाली का पर्व साल में एक बार आता है ऐसे में आप मानसिक रूप से दिवाली की पूजा कर सकती हैं। आप माता लक्ष्मी के सामने बैठकर मंत्रों का स्मरण करें। भले ही आप दीपक घर के किसी अन्य सदस्य से जलवा लें। इस दौरान आप माता लक्ष्मी का ध्यान करें और मानसिक पूजा करें।
मां लक्ष्मी शुद्ध हृदय और सच्चे भाव से की गई आराधना से प्रसन्न होती हैं, न कि केवल बाहरी रीति-रिवाजों से। इसलिए पीरियड्स में माता लक्ष्मी की मानसिक पूजा करने से कोई दोष नहीं लगता है।
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