ब्रह्म तिलक कौन लगाते हैं, जानें क्या है इसका महत्व

हिंदू धर्म में तिलक लगाने का विशेष महत्व है। वहीं तिलक भी अलग-अलग संप्रदाय के हिसाब से लगाया जाता है। अब ऐसे में ब्रह्म तिलक लगाने का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
 significance of applying brahma tilak on forehead

हिंदू धर्म में ब्रह्म तिलक का बहुत महत्व है। यह तिलक माथे पर लगाया जाता है और इसे ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। ब्रह्म तिलक को मंदिर के पुजारी और ब्राह्मण लगाते हैं। ब्रह्म तिलक सफेद रंग का होता है। इसे लगाने से व्यक्ति को मानसिक शांति और एकाग्रता प्राप्त होती है। यह तिलक व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाता है। ब्रह्म तिलक को वे लोग भी लगाते हैं जो ब्रह्म देव की पूजा करते हैं। ब्रह्म तिलक लगाने से व्यक्ति का मन शांत और स्थिर रहता है। आइए इस तिलक के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

ब्रह्म तिलक कौन लगाता है?

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ब्रह्म तिलक को मंदिर के पुजारी और ब्राह्मण लगाते हैं। इसके साथ ही ब्रह्म देव की पूजा करने वाले लोग भी इस तिलक को लगाते हैं। ब्रह्म तिलक को लगाने के कई नियम हैं। जैसे, इसे हमेशा स्नान करने के बाद ही लगाना चाहिए। इस तिलक को सफेद रंग की रोली से लगाया जाता है।

ब्रह्म तिलक लगाने के नियम क्या है?

  • ब्रह्म तिलक हमेशा स्नान करने के बाद लगाना चाहिए।
  • ब्रह्म तिलक लगाने से पहले अपने इष्ट देव या भगवान को तिलक लगाएं।
  • ब्रह्म तिलक हमेशा अनामिका उंगली से लगाना चाहिए।
  • ब्रह्म तिलक लगाते समय भगवान ब्रह्मा का ध्यान करना चाहिए।
  • ब्रह्म तिलक को कभी भी खंडित नहीं करना चाहिए।
  • ब्रह्म तिलक को हमेशा साफ हाथों से लगाना चाहिए।
  • ब्रह्म तिलक को कभी भी जमीन पर नहीं गिराना चाहिए।

ब्रह्म तिलक लगाने का महत्व क्या है?

ब्रह्म तिलक ज्ञान का प्रतीक है। इसे लगाने से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है और वह सही मार्ग पर चलता है। ब्रह्म तिलक पवित्रता का प्रतीक है। इसे लगाने से व्यक्ति के मन में पवित्र विचार आते हैं और वह बुरे विचारों से दूर रहता है। ब्रह्म तिलक लगाने से व्यक्ति के मन को शांति और स्थिरता मिलती है। ब्रह्म तिलक लगाने से व्यक्ति के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ब्रह्म तिलक को अनामिका उंगली से माथे पर लगाया जाता है। इसे लगाते समय "ऊं ब्रह्मणे नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए। यह तिलक सफेद रंग का होता है और इसे चंदन या भस्म से बनाया जाता है। ब्रह्म तिलक कोई भी व्यक्ति लगा सकता है जो ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक चाहता है।

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ब्रह्म तिलक लगाने के दौरान मंत्र का जाप

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ब्रह्म तिलक लगाने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

  • ऊं क्लीं नमः शिवाय
  • ऊं श्रीं ह्लीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
  • ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
  • ऊं ह्लीं क्लीं महामायायै नमः

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Image Credit- HerZindagi

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