Sawan  mistakes While doing shivling parikrama

Shivling Parikrama Niyam: सावन में शिवलिंग की परिक्रमा करने के दौरान आप भी तो नहीं करते ये गलती, जानें इससे जुड़े नियम

Sawan 2024 Shivling Parikrama Niyam: हिंदू पंचांग के हिसाब से सावन माह पांचवां महीना है। इस माह में भगवान भोलेनाथ की आराधना करने का विशेष महत्व है। इससे व्यक्ति को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। 
Editorial
Updated:- 2024-07-26, 15:42 IST

सावन महीना सभी श्रद्धालुओं का प्रिय महीना माना जाता है। इस माह में भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा भी बरसती है। सावन में आने वाले सभी सोमवार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ का विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। अब ऐसे में सावन माह में अगर आप भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं, तो पूजा के दौरान किन किन नियमों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। 

जलाभिषेक के दौरान भूलकर भी न करें ये गलती 

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भगवान शिव की पूजा के दौरान अभिषेक के लिए हमेशा गंगाजल या शुद्ध जल या फिर उसके अलावा गाय के दूध का इस्तेमाल करें। साथ ही शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलधारा पतली और धीमी गति से शिवलिंग पर गिरना चाहिए।साथ ही इस बात का खास ध्यान रखें कि जलाभिषेक के समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस दिशा में ही बैठकर या झूककर ही शिवलिंग का जलाभिषेक करें। भूलकर भी सीधे खड़े होकर जलाभिषेक न करें। इससे जलाभिषेक का पूण्य फल नहीं मिलता है। 

भगवान शिव को इस तरह चढ़ाएं बेलपत्र 

भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र 3 पत्तों वाला और साबुत होना चाहिए। बेलपत्र को हमेशा चिकने सतह की ओर ही शिवलिंग पर अर्पित करें। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल और केतकी के फूल चढ़ाने से बचें।

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शिवलिंग की परिक्रमा करते समय रखें ध्यान

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अगर आप सावन माह में शिवलिंग की पूजा करने के दौरान परिक्रमा लगाते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग की परिक्रमा पूरी न करें हमेशा शिवलिंग के बाईं ओर से परिक्रमा शुरू करनी चाहिए और अर्धचंद्राकार में चक्कर लगाने के बाद वापस अपने स्थान पर आ जाएं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग के अभिषेक के दौरान जहां से जल नीचे की तरफ गिरती है, तो उसे कभी भी लांघना नहीं चाहिए। 

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Image Credit- HerZindagi

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