rukmini ashtami 2024 date shubh muhurat and significance

Rukmini Ashtami 2024 Kab Hai: रुक्मिणी अष्टमी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में रुक्मिणी अष्टमी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता रुक्मिणी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में जानते हैं कि इस साल रुक्मिणी अष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा। 
Editorial
Updated:- 2024-12-20, 11:05 IST

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रुक्मिणी अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां रुक्मिणी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है और वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी परेशानियां भी दूर हो सकती है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत माता लक्ष्मी को प्रसनेन करने के लिए भी किया जाता है। क्योंकि देवी रुक्मिणी माता लक्ष्मी की स्वरूप हैं। इनकी पूजा करने से अन्न, धन के साथ-साथ सुख-समृद्धि भी वृद्धि होती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती है। अब ऐसे में इस साल रुक्मिणी अष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

रुक्मिणी अष्टमी कब है?

Rukmini Ashtami 2024

हिंदू पंचांग के हिसाब से इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का आरंभ 22 दिसंबर रविवार के दिन दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से हो रहा है और इस समापन अगले दिन 23 दिसंबर को शाम 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के आधार पर रुक्मिणी अष्टमी का व्रत 23 दिसंबर को रखा जाएगा।

इसे जरूर पढ़ें - Rukmini Ashtami 2024: रुक्मिणी अष्टमी के दिन करें इस स्तोत्र का जाप, मिल सकता है मनचाहा वर

रुक्मिणी अष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त

रुक्मिणी अष्टमी के दिन पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें। इससे व्यक्ति को उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।
सूर्योदय- सुबह 05 बजरकर 20 मिनट से लेकर 7 बजकर 08 मिनट तक है।
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:32 से लेकर 06:20 मिनट तक है।
अभिजित मुहूर्त- दोपहर में 12:00 से लेकर 12:41 मिनट तक है।
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:27 से लेकर 05:55 मिनट तक है।

इसे जरूर पढ़ें - श्रीकृष्‍ण को क्‍यों अतिप्रिय थीं देवी रुक्मिणी, जानें दोनों की प्रेम कथा

रुक्मिणी अष्टमी की पूजा का महत्व क्या है?

rukmini tithi

देवी रुक्मिणी को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और उन्हें सुख-समृद्धि, धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है। रुक्मिणी अष्टमी का व्रत रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोग इस दिन विशेष रूप से देवी रुक्मिणी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन की गई पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सफलता मिलती है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;