रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से सही विधि और नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं। आप जानते हैं कि रक्षाबंधन पर केवल भाइयों को ही नहीं, बल्कि अपने आराध्य देवी-देवताओं को भी राखी बांधी जाती है? यह परंपरा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि भाई को राखी बांधना, क्योंकि हमारे देवी-देवता ही हमारे परम रक्षक और मार्गदर्शक हैं।
रक्षाबंधन के दिन अपने आराध्य को किस विधि से बांधें राखी?
- सबसे पहले, रक्षाबंधन के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूरे घर की साफ-सफाई करें, विशेषकर पूजा स्थल की। शुद्ध मन और शरीर से ही पूजा का आरंभ करना चाहिए।
- एक साफ चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं। इस पर अपने आराध्य देवी-देवता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद एक थाली में राखी, चंदन, रोली, अक्षत (साबुत चावल), फूल, मिष्ठान्न (प्रसाद), धूप और दीपक तैयार कर लें। अगर संभव हो तो गंगाजल भी रखें।
- पूजा आरंभ करने से पहले, हाथ में जल और अक्षत लेकर अपने आराध्य का स्मरण करें और संकल्प लें कि आप अपनी और अपने परिवार की रक्षा तथा सुख-समृद्धि के लिए उन्हें यह रक्षा सूत्र अर्पित कर रहे हैं।
- सबसे पहले दीपक प्रज्वलित करें और धूप जलाएं। इसके बाद अपने आराध्य का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। उदाहरण के लिए, यदि आप भगवान विष्णु को राखी बांध रहे हैं तो "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें, या यदि आप भगवान शिव को बांध रहे हैं तो ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- अपने आराध्य को चंदन और रोली का तिलक लगाएं। इसके बाद उन पर अक्षत अर्पित करें।
- अब अपनी राखी को गंगाजल से शुद्ध करके या सिर्फ मन में पवित्र भावना रखते हुए अपने आराध्य को अर्पित करें। राखी को मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें, जैसे आप किसी व्यक्ति की कलाई पर बांधते हैं।
- राखी अर्पित करने के बाद, अपने आराध्य को फूल चढ़ाएं और उन्हें भोग लगाएं।
- आखिर में अपने आराध्य की आरती करें।
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रक्षाबंधन के दिन अपने आराध्य को राखी बांधने का नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि आराध्य को राखी अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। भगवान हर कदम पर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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