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Paush Amavasya Date 2025: 18 या 19 दिसंबर, कब है पौष अमावस्या? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Paush Amavasya Kab Hai 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष अमावस्या के दिन पितृ पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। 
Editorial
Updated:- 2025-12-17, 14:14 IST

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस तिथि का बहुत ही खास और गहरा महत्व है क्योंकि यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित माना जाता है। इसे 'छोटा पितृ पक्ष' भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृ पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। यह तिथि पितृ दोष, कालसर्प दोष और अन्य ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए भी सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिन सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है पौष अमावस्या, क्या है इस दिन स्नान-दान से लेकर पितृ तर्पण तक का शुभ मुहूर्त और महत्व? 

पौष अमावस्या कब है? (Paush Amavasya Kab Hai 2025)

पौष अमावस्या की तिथि का आरंभ 19 दिसंबर को शुक्रवार के दिन सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 20 दिसंबर को शनिवार के दिन सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष अमावस्या 19 दिसंबर को मनाई जाएगी। 

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पौष अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त 

पौष अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। किसी भी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना या अन्य जलाशय में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में पौष अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक है।

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पौष अमावस्या 2025 पितृ तर्पण मुहूर्त 

पौष अमावस्या का मुख्य कर्म पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध होता है। तर्पण का अर्थ है पितरों को जल अर्पित करके उन्हें संतुष्ट करना। यह कार्य प्रातःकाल पवित्र स्नान के बाद किया जाता है। पौष अमावस्या के दिन पितृ तर्पण का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजे तक है।

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पौष अमावस्या पूजा शुभ मुहूर्त (Paush Amavasya Puja Muhurat 2025)

अमावस्या तिथि के दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा भी होती है। ऐसे में पौष अमावस्या के दिन पूजा का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 43 मिनट से 11 बजकर 01 मिनट तक है और दूसरा मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक है।

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पौष अमावस्या 2025 महत्व 

पौष अमावस्या पर धार्मिक कार्य करने से व्यक्ति को कई बड़े लाभ मिलते हैं। इस दिन किए गए स्नान, तर्पण और दान से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि, शांति और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं। यह तिथि पितृ दोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।

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