हर वर्ष की तरह जन्माष्टमी के पर्व के बाद कृष्ण भक्त उनकी छठी का इंतजार करते हैं। यह पर्व भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कान्हा जी की छठी भी वैसे ही होती है, जैसे आमतौर पर हम सनातन धर्म के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद उसकी छठी करते हैं। यह पर्व हर वर्ष जन्माष्टमी के छठे दिन मनाया जाता है। इस बारे में जब हमने पंडित मनीष शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया, "कृष्ण जन्माष्टमी के बाद छठी हमेशा भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। मगर इस बार 21 अगस्त को यानी चतुर्दशी तिथि पर भगवान की छठी मनाई जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार 15 अगस्त की रात से ही अष्टमी तिथि लग गई थी। "
छठी पर लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
पंडित जी बताते हैं, "जिन लोगों ने 15 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखा है वो लोग 21 को छठी मना सकते हैं, वहीं 16 अगस्त को जिन लोगों ने कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा है, वे लोग 22 को भी छठी मना सकते हैं। 21 अगस्त के दिन जो लोग छठी मना रहे हैं, वे लोग पूरे दिन में कभी भी छठी की पूजा कर सकते हैं। वहीं 22 अगस्त को कृष्ण जी की छठी मनाने वालों के लिए सुबह 11:58 से 12:50 तक का अभिजीत मुहूर्त सबसे शुभ रहेगा। "
श्री कृष्ण छठी की पूजा कैसे करें?
शिशु की छठी का अवसर बहुत ज्यादा विशेष होता है, फिर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की छठी का अवसर किसी उत्सव से कम नहीं होता है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे प्रांतों में तो इस दिन को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्री कृष्ण छठी के दिन निम्नलिखित कड़ी में पूजा होती है-
- सबसे पहले घर की सबसे बुर्जुग महिला लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराती है। आज के दिन भी दूध, दही, शहद, घी और गंगा जल से लड्डू गोपाल का अभिषेक किया जाता है।
- फिर लड्डू गोपाल को साफ कपड़े से पोंछ कर नए वस्त्र पहनाएं। छठी के दिन लड्डू गोपाल को पीले वस्त्र पहनाए जाएं तो यह और भी अच्छी बात है।
- वस्त्र पहनाने के बाद लड्डू गोपाल को नए आभूषण, पगड़ी और तिलक पहनाएं। अगर आपके पास नई बांसुरी है, तो कान्हा जी को वह भी पकड़ा दें।
- अब घर की 6 बुर्जुग महिलाओं को लड्डू गोपाल जी की आंखों में काजल लगाना होता है। यह काजल आप घर में ही देसी घी के दिए से तैयार कर लें।
- सबसे आखिर में मंगल गीत गाएं और लड्डू गोपाल को झूला झुलाएं। साथ ही आप कुंज बिहारी जी की आरती गाकर अपनी पूजा का पूर्ण रूप दें।

लड्डू गोपाल के छठी पर कब लगाएं भोग?
छठी के दिन लड्डू गोपाल को खीर, पंचामृत और कढ़ी चावल का भोग लगता है। जब लड्डू गोपाल की आरती पूरी हो जाए, तो अंत में उन्हें किसी छोटी सी कन्या के हाथों से कढ़ी चावल का भोग लगवा देना चाहिए। इस भोग के दौरान आप तालियां और घंटी बजाएं। इसके साथ ही मीठा दूध भी आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण को जरूर अर्पित करना चाहिए।
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तो कृष्ण छठी के दिन पंडित जी द्वारा बताई गई बातों का विशेष ध्यान रखें और बताई गई विधि के अनुसार ही उनकी पूजा अर्चना करें। यदि आप विधि से भगवान की छठी मनाएंगी तो, वे आपकी मनोकामना भी जल्द पूरी करेंगे। यह जानकारी आपको पसंद आई हो, तो इस लेख को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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