Jitiya Vrat Puja: हिन्दू धर्म में कई व्रतों का वर्णन मिलता है जो पति की मंगलकामना के लिए किये जाते हैं।
वहीं, एक व्रत ऐसा भी है जो धर्म-ग्रंथों और शास्त्रों में संतान सुख के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह व्रत है जीवितपुत्रिका व्रत। इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत तीन दिन तक चलता है।
इस व्रत को अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर विधिवत पूर्ण श्रद्धा से माताओं द्वारा रखा जाता है।
इस व्रत का महिलाएं निर्जल रहकर पालन करती हैं। संतान सुख की प्राप्ति एवं मंगल की प्रार्थना करती हैं।
इस दिन जीमूतवाहन की पूजा का विशेष विधान है। इनकी पूजा से संतान का भविष्य सुरक्षित बना रहता है।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कब रखा जाएगा इस साल जितिया का व्रत।
साथ ही जानेंगे इस व्रत के शुभ मुहूर्त, महत्व, नहाय-खाय और पारण समय से जुड़ी सभी जानकरी।
जितिया व्रत 2023 तिथि (Jitiya Vrat Tithi 2023)
- जितिया व्रत तिथि आरंभ: 6 अक्टूबर, दिन शुक्रवार, सुबह 6 बजकर 34 मिनट
- जितिया व्रत तिथि समापन: 7 अक्टूबर, दिन शनिवार (शनिवार के उपाय), सुबह 8 बजकर 8 मिनट
- उदया तिथि के अनुसार, इस साल जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाना है।
जितिया व्रत 2023 शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Shubh Muhurat 2023)
- नहाय-खाय समय: 5 अक्टूबर, शाम 5 बजकर 36 मिनट से 6 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त: 6 अक्टूबर, सुबह 4 बजकर 38 मिनट से सुबह 5 बजकर 28 मिनट
- अभिजीत मुहूर्त: 6 अक्टूबर, सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट
- व्रत पारण समय: 7 अक्टूबर, सुबह 10 बजकर 32 मिनट
जितिया व्रत 2023 पूजा विधि (Jitiya Vrat Puja Vidhi 2023)
- सुबह स्नान के बाद गंगाजल छिड़ककर पूजा स्थल को साफ करे लें।
- इसके बाद गया के गोबर से पूजा स्थल को पूरी तरह अच्छे से लीपें।
- फिर वहां छोटा सा एक तालाब बनायें। पाकड़ की डाल खड़ी करें।
- फिर कुश से जीमूतवाहन की प्रतिमा बनाएं। फिर जल का पात्र लें।
- जल के पात्र में कुशनिर्मित जीमूतवाहन की मूर्ति स्थापित करें।
- धूप, दीप, रोली, चावल(चावल के उपाय), पुष्प आदि जीमूतवाहन को चढ़ाएं।
- गाय के गोबर से फिर चील या सियारिन की प्रतिमा बनाएं।
- इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाएं।
- फिर अंत में जितिया व्रत की कथा सुनें।
जितिया व्रत 2023 महत्व (Jitiya Vrat Significance in Hindi)
- जितिया यानी कि जीवितपुत्रिका का व्रत रखने से संतान का मंगल होता है।
- संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान को जीवन में वैभव मिलता है।
- संतान के सरे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में समृद्धि का आगमन होता है।
अगर आप भी जितिया व्रत रखने वाली हैं तो इस लेख में बताई गई जानकरी के माध्यम से इस व्रत से जुड़ी समस्त जानकरी जैसे कि तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व, नहाय-खाय का समय, पूजा विधि आदि विस्तार से जान लें। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: freepik, shutterstock
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