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January Vrat Tyohar List 2024: जानें इस माह के महत्‍वपूर्ण तीज-त्यौहार की तिथि और शुभ मुहूर्त

January 2024 Festival List Date and Time: साल के पहले महीने जनवरी में आपको किन त्‍यौहारों को मनाने का अवसर मिलेगा और उनका शुभ-मुहूर्त क्या है। यह जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें। 
Editorial
Updated:- 2024-01-05, 12:40 IST

नया वर्ष आते ही हम कैलेंडर और पंचांग टटोलने लग जाते हैं कि किसी माह में कौन सा त्‍यौहार पड़ने वाला है। दरअसल, यह तीज-त्‍यौहार ही होते हैं, जो हमारे जीवन में कुछ नया और उत्साहपूर्ण बदलाव लाते हैं। साल की शुरुआत यानि जनवरी में ही हर साल बहुत सारे त्‍यौहार आते हैं। इस बार भी जनवरी का महीना बड़े-छोटे त्‍यौहारों से पटा हुआ है। इसलिए हम आपको हिंदी पंचांग के अनुसार इस माह कौन से त्‍यौहार आने वाले हैं उनके बारे में बताएंगे, साथ ही आपको हम इन त्‍यौहारों को मनाने की तिथि और शुभ मुहूर्त भी बताएंगे। 

जनवरी 2024 के तीज-त्‍यौहार 

  • सफला एकादशी- 7 जनवरी, रविवार
  • मासिक शिवरात्रि-9 जनवरी, मंगलवार 
  • पौष अमावस्या- 11 जनवरी, गुरुवार 
  • मकर संक्रांति- 15 जनवरी, सोमवार 
  • पुत्रदा एकादशी-21 जनवरी, रविवार 
  • प्रदोष व्रत- 23 जनवरी, मंगलवार 
  • पौष पूर्णिमा- 25 जनवरी, गुरुवार 

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सफला एकादशी- 7 जनवरी, रविवार

ऐसा कहा जाता है कि आप एक हजार अश्वमेध हवन करा लें या फिर सफला एकादशी का व्रत रख लें आपको दोनों एक बराबर ही फल मिलेगा। पौष माह की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को शास्त्रों में सफला एकादशी कहा गया है। इस दिन भगवान श्री कृष्‍ण के अच्‍युत की पूजा की जाती है। आपको बाता दें कि यह स्वरूप भगवान श्री कृष्‍ण ने अपने पुत्रों को सबक सिखाने के लिए धारण किया था। यह भी मान्‍यता है कि इस दिन जा भी व्रत रखता है, उसे सारे कार्यों में सफलता मिलती है। यदि आप एकादशी का व्रत रखते हैं, तो उस दिन आपको फूल-पत्ती आदि नहीं तोड़नी चाहिए और तुलसी को बिल्कुल भी स्पर्श नहीं करना चाहिए। 

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पूजा का शुभ मुहूर्त- 7 जनवरी को सुबह 7:15 से प्रारंभ होकर 8 जनवरी को सुबह 9:20 तक रहेगा। 

पौष अमावस्या- 11 जनवरी, गुरुवार 

धर्म-कर्म के लिहाज से पौष का महीना बहुत ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण होता है। ऐसा कहा गया है पौष के महीने की अमावस्या पर यदि आप किसी पवित्र नदी में स्‍नान करते हैं या फिर किसी तीर्थ स्‍थान पर माथा टेकने जाते हैं, तो यह बहुत ज्‍यादा लाभकारी होता है। इस माह में आपको सूर्य की भी पूजा करनी चाहिए। इस वर्ष पौष माह की अमावस्या  10 एवं 11 जनवरी को पड़ रही है। अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए आप इस दिन सूर्य को तर्पण दे सकते हैं। यह कार्य आप अभिजीत मुहूर्त पर दिन में 11:300 से 12:30 के बीच में करें। इसके अलावा आप कालसर्प दोष एवं पितृ दोष को शांत करने के लिए पूर्जा अर्चना कर सकते हैं। इस दिन आपको पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा भी करनी चहिए। शास्त्रों में तुलसी पूजा और परिक्रमा के बारे में भी विधि से बताया गया है। 

शुभ मुहूर्त- 10 जनवरी को रात 8:13 मिनट में अमावस्या आरंभ होगी और 11 जनवरी को शाम 5:29 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगी। 

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मकर संक्रांति- 15 जनवरी, सोमवार 

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत बड़ा पर्व माना गया है और इस दिन को देश के कोने-कोने में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। वैसे तो यह त्यौहार अधिकांश 14 जनवरी को मनाया जाता है मगर इस बार यह 15 जनवरी को पड़ रहा है। इसलिए दान-पूर्ण किया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने बेटे शनि के घर जाते हैं। इसलिए इस पर्व को पिता और पुत्र के मिलन के दिन के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, मकर संक्रांति नई फसल के कटने और नई ऋतु के आगमन का त्‍यौहार भी है। इसलिए घर में खिचड़ी जरूर बनती है, इसी का भगवान को भोग लगता है और यही प्रसाद के तौर पर बांटी जाती हैं। आप इस दिन सूर्य और शनि के उपाय के तौर पर अपने घर में काम करने वालों को दान में जरूरी सामान दे सकते हैं। 

शुभ मुहूर्त- 15 जनवरी को सुबह 7:15 से आरंभ होकर दोपहर 12:30 तक का मुहूर्त सबसे अच्‍छा रहेगा। 

पुत्रदा एकादशी-21 जनवरी, रविवार 

पौष मास में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। आप नाम से ही अंदाजा लगा सकती हैं कि इस दिन जिन्‍हें पुत्र रत्‍न की कामना होती है, वे महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। वैसे यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है। यदि आपके संतान नहीं है तो आप यह व्रत रख सकती हैं और संतान के होने के बाद भी आप इस व्रत को उसके अच्‍छे जीवन की कामना के तौर पर रख सकती हैं। इस दिन यदि आप व्रत रखती हैं तो आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इस दिन आप संतान गोपाल मंत्र का जाप कर सकती हैं। यदि पति और पत्‍नी दोनों यह व्रत रखते हैं, इसका ज्‍यादा अच्‍छा फल प्राप्त होता है। 

शुभ मुहूर्त- 21 जनवरी को सुबह 7:13 मिनट पर शुरू होकर 22 जनवरी को सुबह 9:21 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। 

 

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