पितृपक्ष के दौरान आने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग पूजा-पाठ करते हैं। साथ ही व्रत करते हैं। इस साल यह एकादशी 17 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन आप अगर व्रत रखते हैं, तो इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है। पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं कि इससे कैसे पितृ प्रसन्न होते हैं।
पितृपक्ष में पितरों को मोक्ष प्रदान करने के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों के नाम पर कपड़ों से लेकर खाने को दान करते हैं। ऐसे ही एकादशी पर लोग अनाज का दान भी करते हैं। इंदिरा एकादशी का व्रत भी इसी उद्देश्य को पूरा करता है। माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से पितरों को नरक लोक से मुक्ति मिलती है और वे भगवान विष्णु के लोक में चले जाते हैं।
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पितृपक्ष में इंदिरा एकादशी के दिन आप भी अपने पितरों को प्रसन्न करके आशीर्वाद पा सकते हैं। इससे आपके जीवन की परेशानियां दूर हो जाएगी। साथ ही जीवन की परेशानियां कम हो जाएंगी।
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