navratri havan 2025 date

Navratri Hawan 2025: दुर्गाष्टमी और महानवमी पर कब करें हवन? जानें शुभ मुहूर्त, सामग्री, मंत्र एवं पूर्णाहुति की सही विधि

Navratri Hawan Puja Samagri List 2025: अष्टमी और नवमी के दिन हवन करने से नौ दिनों के व्रत और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि अष्टमी एवं नवमी पर हवन करने का क्या है शुभ मुहूर्त।     
Editorial
Updated:- 2025-09-30, 04:24 IST

नवरात्रि के आखिरी दो दिनों यानी कि दुर्गाष्टमी और महानवमी के दिन हवन करना बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह नौ दिनों की पूजा और साधना को पूरा करता है और देवी दुर्गा को धन्यवाद करने का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हवन की पवित्र अग्नि देवताओं का मुख होती है जिसके माध्यम से हवन सामग्री की आहुतियां सीधे मां दुर्गा तक पहुंचती है जिससे वह प्रसन्न होती हैं।

नवरात्रि के दौरान किए गए हवन से निकलने वाला धुआं घर के वातावरण को शुद्ध करता है, सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करता है और पूरे परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि लाता है। अष्टमी और नवमी के दिन हवन करने से नौ दिनों के व्रत और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि अष्टमी एवं नवमी पर हवन करने का क्या है शुभ मुहूर्त।

नवरात्रि हवन सामग्री (Navratri Havan Samagri 2025)

नवरात्रि हवन के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं बल्कि थोड़ी सी सामग्री की आवश्यकता होगी क्योंकि यह हवन मुख्य रूप से सभी लोग अपने घरों में खुद ही करते हैं न कि सामाजिक तौर पर किसी पंडित द्वारा करवाया जाता है।

हवन कुंड या वेदी:

  • हवन करने के लिए मिट्टी,
  • तांबे या ईंटों से बनी वेदी/कुंड

अग्नि के लिए:

हवन सामग्री (आहुति के लिए):

  • हवन सामग्री का पैकेट,
  • जौ,
  • काले तिल,
  • चावल,
  • शक्कर या गुड़
  • और सूखा पंचमेवा।

पूर्णाहुति के लिए विशेष सामग्री:

  • सूखा नारियल यानी कि गोला,
  • कलावा,
  • सुपारी,
  • लौंग
  • और इलायची।

अन्य जरूरी चीजें: गंगाजल, रोली या सिंदूर और पान के पत्ते आरती एवं संकल्प के लिए।

navratri durga ashtami havan shubh muhurat 2025

दुर्गाष्टमी हवन 2025 शुभ मुहूर्त

दुर्गाष्टमी पर किया गया हवन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप यानी कि मां महागौरी को समर्पित होता है। इस साल दुर्गाष्टमी 30 सितंबर को पड़ रही है। ऐसे में अष्टमी के दिन हवन का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 12 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक का है।

यह भी पढ़ें: क्या नवरात्रि के दौरान पूजा में जलानी चाहिए अगरबत्ती? आप भी जान लें

महानवमी हवन 2025 शुभ मुहूर्त

महानवमी के दिन हवन के दौरान दी जाने वाली आहुति मां के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री को अर्पित होती है। ऐसे में 1 अक्टूबर यानी कि महानवमी के दिन हवन का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 14 मिनट से शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहने वाला है।

नवरात्रि हवन मंत्र (Navratri Hawan Mantra 2025)

नवरात्रि हवन को नौ दिनों की पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है क्योंकि इसके बिना साधना अधूरी रहती है। हवन में विभिन्न देवताओं के मंत्रों के साथ आहुतियां दी जाती हैं जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और माता रानी की कृपा मिलती है।

नवार्ण मंत्र (बीज मंत्र):

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे स्वाहा, यह मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इस मंत्र से हवन करने पर माता के नौ स्वरूपों का एक साथ आशीर्वाद मिलता है। यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं, भय और नकारात्मक शक्तियों को खत्म करता है, और साधक को शक्ति, बुद्धि और विजय प्रदान करता है। इसे कम से कम 108 बार जपने या आहुति देने का विधान है।

देवी दुर्गा का सामान्य मंत्र:

ॐ दुं दुर्गायै नमः स्वाहा, यह मां दुर्गा का मूल मंत्र है, जो देवी को सीधा समर्पित है। इस मंत्र से आहुति देने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है, और माँ दुर्गा सभी कष्टों और संकटों से रक्षा करती हैं। यह मंत्र विशेष रूप से घर की शुद्धि के लिए सहायक है।

navratri maha navami shubh muhurat 2025

त्रिदेव एवं अन्य देवताओं के मंत्र:

ॐ गणेशाय नमः, ॐ नवग्रहाय नमः स्वाहा:, ॐ ब्रह्माय नमः स्वाहा, ॐ विष्णुवे नमः स्वाहा, ॐ शिवाय नमः स्वाहा:, ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् स्वाहा। इन मंत्रों के जाप से धन और आरोग्य का घर में वास होता है और हवन को पूर्णता मिलती है।

पूर्णाहुति मंत्र:

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदम् पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते स्वाहा। हवन के अंत में पूर्णाहुति मंत्र बोलकर नारियल और हवन सामग्री की आहुति दी जाती है। यह मंत्र यह दर्शाता है कि आपने अपनी पूरी भक्ति और समर्पण देवी को दे दिया है। इसे बोलने से हवन का पूरा फल मिलता है और पूजा में हुई अनजाने में हुई भूल-चूक के लिए देवी से क्षमा मांगी जाती है।

यह भी पढ़ें: Durga Astami या दुर्गा नवमी, किस दिन हवन और कन्‍या पूजन करने से मिलता है माता रानी का आशीर्वाद और होती है सौभाग्‍य की प्राप्‍त‍ि ? पंडित जी से जान लें यह जरूरी बात

नवरात्रि हवन पूर्णाहुति विधि

नवरात्रि हवन में पूर्णाहुति एक बहुत ही महत्वपूर्ण और अंतिम चरण होता है। यह हवन को पूरा करने का प्रतीक है और इसमें भक्त मां दुर्गा से जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

पहले से चल रहे हवन में जब सभी मंत्रों की आहुतियां पूरी हो जाएं तो पूर्णाहुति की तैयारी करें। एक सूखा नारियल लें और उस पर कलावा लपेट दें। नारियल के ऊपरी सिरे को थोड़ा काट लें और उसके अंदर घी, थोड़ी सी हवन सामग्री, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, जायफल और थोड़ा सा प्रसाद (जैसे हलवा-पूरी) रखें।

अगर नारियल नहीं है, तो आप एक पान के पत्ते पर भी ये सारी सामग्री रखकर पूर्णाहुति दे सकते हैं। परिवार के सभी सदस्य हाथ जोड़कर खड़े हो जाएं। तैयार किए हुए नारियल को दोनों हाथों में लें। अब पूर्णाहुति मंत्र बोलते हुए इसे हवन कुंड की प्रज्वलित अग्नि में पूरी श्रद्धा के साथ अर्पित कर दें। पूर्णाहुति का एक प्रचलित मंत्र यह है: 'ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ स्वाहा॥'

यह आहुति हवन की समाप्ति का संकेत देती है। पूर्णाहुति के बाद मां दुर्गा की आरती करें। आरती के बाद, हाथ जोड़कर देवी मां से हवन और पूजा में हुई किसी भी भूल या कमी के लिए क्षमा मांगें। उनसे प्रार्थना करें कि वे आपकी भक्ति को स्वीकार करें और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें। अंत में, सभी को प्रसाद वितरित करें और कन्या पूजन के बाद ही अपना व्रत खोलें।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

FAQ
दुर्गाष्टमी और महानवमी के हवन में क्या अंतर है?
दुर्गाष्टमी के हवन में दी गई आहुति मां महागौरी को और महानवमी के हवन में दी गई आहुति मां सिद्धिदात्री को अर्पित की जाती है। 
क्या नवरात्रि के हवन के बाद माता की आरती की जाती है?
हां, नवरात्रि के हवन के बाद माता की आरती महत्वपूर्ण मानी जाती है, बिना आरती के हवन पूर्ण नहीं हो पाता है और न ही उसका फल मिलता है। 
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;