9 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों ही दृष्टि से बहुत खास है क्योंकि इस दिन कार्तिक माह का पवित्र समय चल रहा होगा। यह गुरुवार का दिन है जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है जो देर रात चतुर्थी तिथि में बदल जाएगी। इसके अलावा, एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने हमें बताया कि इस दिन की सबसे बड़ी ज्योतिषीय खासियत यह है कि शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन करके कन्या राशि में प्रवेश करेंगे जिससे कई राशियों के लिए धन, प्रेम और करियर में बड़े और शुभ बदलाव आने की संभावना है। कुल मिलाकर, यह दिन भगवान विष्णु की पूजा, ज्ञान और समृद्धि के लिए उत्तम फलदायी माना गया है।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
कार्तिक कृष्ण तृतीया | भरणी | गुरुवार | वज्र | वणिज |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 6 बजकर 17 मिनट |
सूर्यास्त | शाम 5 बजकर 57 मिनट |
चंद्रोदय | शाम 7 बजकर 22 मिनट |
चंद्रास्त | सुबह 8 बजकर 31 मिनट (अगले दिन) |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 4 बजकर 40 मिनट से सुबह 5 बजकर 29 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक |
अमृत काल | दोपहर 3 बजकर 47 मिनट से शाम 5 बजकर 12 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 2 बजकर 5 मिनट से दोपहर 2 बजकर 51 मिनट तक |
गोधुली मुहूर्त | शाम 5 बजकर 58 मिनट से शाम 6 बजकर 23 मिनट तक |
निशिता काल | रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 33 मिनट तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक |
गुलिक काल | सुबह 9 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक |
यमगंड | सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 46 मिनट तक |
भद्रा | दोपहर 12 बजकर 37 मिनट से रात 10 बजकर 54 मिनट तक |
9 अक्टूबर 2025 का दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का है और यह गुरुवार का दिन है। इस दिन विशेष रूप से गुरुवार व्रत रखने का विधान है जिसे भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। यह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और सम्मान लाता है, साथ ही ज्ञान और आर्थिक समृद्धि के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। चूंकि कार्तिक माह चल रहा है, इसलिए इस दिन तुलसी की पूजा और दीप दान करने का भी विशेष महत्व है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस दिन की दूसरी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि करवा चौथ का व्रत भले ही 10 अक्टूबर को रखा जाएगा, लेकिन करवा चौथ को मनाने वाली चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से हो जाएगी। इसलिए, यह दिन करवा चौथ के व्रत की तैयारी और चतुर्थी तिथि के आरंभ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस तिथि में महालक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
9 अक्टूबर 2025 का दिन कार्तिक माह का पवित्र गुरुवार है, इसलिए इस दिन किए गए उपाय बहुत फलदायी होते हैं। सबसे पहले यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण आपको पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही, केले के पेड़ की पूजा करना और उस पर जल, हल्दी और चने की दाल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। ये उपाय करने से आपके जीवन में ज्ञान, सौभाग्य और वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं क्योंकि बृहस्पति देव की कृपा मिलती है।
दूसरा विशेष उपाय यह है कि कार्तिक माह में होने के कारण आपको दीप दान अवश्य करना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं और तुलसी माता की आरती करें। चूंकि इस दिन की रात से ही करवा चौथ की चतुर्थी तिथि शुरू हो रही है, इसलिए माता लक्ष्मी और करवा माता के नाम का एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर भी जलाना चाहिए। ये उपाय आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, नकारात्मकता को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि का वास सुनिश्चित करते हैं।
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