7 अक्टूबर 2025 का दिन पंचांग के हिसाब से बहुत खास है क्योंकि इस दिन अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन हो रहा है। हालांकि, शरद पूर्णिमा का मुख्य उत्सव 6 अक्टूबर को मनाया गया, लेकिन उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा का स्नान, दान और व्रत पारण 7 अक्टूबर, मंगलवार को ही किया जाएगा। इसके साथ ही, इस दिन महान आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती और प्रसिद्ध कृष्ण भक्त मीराबाई की जयंती भी मनाई जाएगी जिससे यह दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने हमें बताया कि पंचांग के अनुसार आज कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिनमें गृह प्रवेश से जुड़ी खरीदारी करना बहुत शुभ रहेगा।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
अश्विन पूर्णिमा (सुबह 09 बजकर 16 मिनट तक)/कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा (पूरे दिन) | रेवती | मंगलवार | ध्रुव | बव |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06 बजकर 16 मिनट |
सूर्यास्त | शाम 05 बजकर 59 मिनट |
चंद्रोदय | शाम 06 बजकर 02 मिनट |
चंद्रास्त | सुबह 06 बजकर 48 मिनट (अगले दिन) |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 40 मिनट से सुबह 05 बजकर 28 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से दोपहर 02 बजकर 53 मिनट तक |
गोधुली मुहूर्त | शाम 05 बजकर 59 मिनट से शाम 06 बजकर 24 मिनट तक |
निशिता काल | रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 34 मिनट |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | दोपहर 03 बजकर 03 मिनट से शाम 04 बजकर 31 मिनट तक |
गुलिक काल | दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 35 मिनट तक |
यमगंड | सुबह 09 बजकर 14 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक |
7 अक्टूबर 2025 को तीन प्रमुख धार्मिक आयोजन हैं: यह दिन अश्विन पूर्णिमा के स्नान-दान के लिए विशेष माना जाता है, जब लोग नदी या पवित्र सरोवर में स्नान करके दान-पुण्य करते हैं। इसके साथ ही, इस दिन महान महाकाव्य 'रामायण' के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती और भगवान कृष्ण की प्रसिद्ध भक्त मीराबाई की जयंती भी मनाई जाएगी जिससे यह दिन धार्मिक श्रद्धा और भक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
7 अक्टूबर 2025 को अश्विन पूर्णिमा का समापन होने के कारण, इस दिन का सबसे बड़ा ज्योतिषीय उपाय है पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करना और अपनी क्षमता अनुसार दान करना। इसके अलावा, पूर्णिमा तिथि के प्रभाव से चंद्रमा से संबंधित उपाय करना बहुत शुभ माना जाता है जैसे कि खीर या दूध-चावल का दान करना या शाम को चंद्रमा की पूजा करना। यह दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती भी है इसलिए रामायण का पाठ करना या धार्मिक ग्रंथों को दान करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है जिससे आपके जीवन के कष्ट दूर होते हैं और आपको सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: gemini, herzindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।