
31 अक्टूबर 2025 के दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है जिसे प्रमुख रूप से अक्षय नवमी या आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है और जो बहुत ही शुभ फलदायी मानी जाती है। यह दिन शुक्रवार का है और इस दिन धनिष्ठा एवं शतभिषा नक्षत्र का योग बन रहा है। साथ ही वृद्धि योग भी रहेगा जो शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम माना जाता है। हालांकि इसमें राहुकाल का समय सुबह 10:41 बजे से 12:04 बजे तक रहेगा जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। अक्षय नवमी के दिन हवन-अनुष्ठान करना बहुत उत्तम माना जाता है। आज इस पावन पर्व पर हवन-अनुष्ठान के लिए 3 शुभ मुहूर्त बन हे हैं। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| कार्तिक शुक्ल नवमी (सुबह 10:05 बजे तक)/दशमी | धनिष्ठा | शुक्रवार | वृद्धि | कौलव |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:32 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:37 बजे |
| चंद्रोदय | दोपहर 02:16 बजे |
| चंद्रास्त | रात्रि 01:44 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:49 बजे से सुबह 05:41 बजे तक |
| अक्षय नवमी पूजन समय | सुबह 06:32 बजे से सुबह 10:03 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक |
| अमृत काल | सुबह 09:18 बजे से सुबह 10:41 बजे तक |
| रवि योग | पूरे दिन |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 10:41 से दोपहर 12:04 तक |
| गुलिक काल | सुबह 07:55 से सुबह 09:18 तक |
| यमगंड | दोपहर 02:51 से शाम 04:14 तक |
| दुर्मुहूर्त (पहला भाग) | सुबह 08:45 से सुबह 09:29 तक |
| दुर्मुहूर्त (दूसरा भाग) | दोपहर 12:26 से दोपहर 01:11 तक |

31 अक्टूबर 2025 को अक्षय कूष्माण्ड नवमी का त्योहार मनाया जाएगा, जिसे आंवला नवमी भी कहते हैं। यह दिन बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल कभी खत्म नहीं होता। इस दिन लोग खासकर आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं क्योंकि माना जाता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है।
इस खास दिन पर लोग सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं। पूजा के बाद, लोग अक्सर आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर खाना बनाते और खाते हैं। यह माना जाता है कि ऐसा करने से अच्छा स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि मिलती है। यह त्योहार हमें दान करने और अच्छे काम करने की प्रेरणा देता है ताकि हमारे जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहें।
31 अक्टूबर 2025 को अक्षय नवमी या आंवला नवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन किए गए शुभ कार्यों और उपायों का फल कभी खत्म नहीं होता, इसलिए इसे अक्षय कहते हैं। इस विशेष दिन पर आपको आंवले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें। इसके बाद पेड़ की परिक्रमा करें और हल्दी-कुमकुम चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको और आपके परिवार को सौभाग्य और सुख-समृद्धि मिलती है।
इस दिन दान-पुण्य का बहुत महत्व है। अगर संभव हो तो आंवले का दान करें या फिर गरीबों को भोजन कराएं। अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए आप उनकी पूजा और आरती कर सकते हैं। कहते हैं इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से भी बहुत पुण्य मिलता है। ये छोटे और सरल उपाय आपके जीवन में सुख और सकारात्मकता ला सकते हैं।
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