नवरात्रि के नौवे दिन यानी कि महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। ऐसी माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा के दौरान उन्हें बैंगनी रंग के वस्त्र पहनाने चाहिए और माता को चंपा के फूल चढ़ाने चाहिए। इससे शुभ फल मिलते हैं।
शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि नवरात्रि महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वस्त से आइये जानते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा सामग्री, विधि, मंत्र और भोग के बारे में विस्तार से।
मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए सामग्री के तौर पर सफेद या लाल फूल, घी, दीया, अगरबत्ती, भोग के लिए हलवा, खीर और फल, पूजा के लिए चावल, कलश में जल या एक पात्र में पानी, माता की चुनरी, मां को चढ़ाने के लिए विशेष नैवेद्य, सिन्दूर और चूड़ियां, गंगाजल आदि चीजें शामिल करें।
यह भी पढ़ें: Kanya Pujan Shubh Muhurat 2024: अष्टमी-नवमी के दिन किस मुहूर्त में करें कन्या पूजन? जानें
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में सुबह उठकर स्नान कर लें। इसके बाद मां सिद्धिदात्री का ध्यान करें। फिर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर चौकी स्थापित करें। मां सिद्धिदात्री के प्रतीकात्मक तौर पर चौकी पर काले अक्षत स्थापित करें। इसके बाद चावलों पर गंगाजल छिड़कें और कलावा अर्पित करें।
अगर आपके पास वस्त्र हैं तो आप बैगनी रंग के वस्त्र भी चौकी पर रखकर मां सिद्धिदात्री को अर्पित कर सकते हैं और फिर पूजा हो जाने के बाद उन वस्त्रों को दान कर दें। फिर विशेष नैवेद्य, सिन्दूर, चूड़ियां, माता की चुनरी, फूल, मालाएं आदि अर्पित करें। फिर को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं।
यह विडियो भी देखें
इसके बाद घी का दीया जलाएं, मां सिद्धिदात्री के मंत्रों का जाप करें और मां की आरती गाएं। आखिर में मां को लगाए हुए भोग को प्रसाद के रूप में परिवार एवं आसपास घरों में बाटें। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के निमित्त आप हवन भी कर सकते हैं। इससे जीवन की परेशानियां मिट जाएंगी।
महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के ॐ देवी सिद्धिदात्री नमः।, ॐ ह्लीं सिद्धिदात्री महादेवी सर्वसम्पत् सिद्धिं मे कुरु स्वाहा।, ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं सिद्धिदात्री नमः।, ॐ सर्वेभ्यो नमः सिद्धिदात्री सर्वदुःख निवारिणी सर्वसिद्धिं प्रदायिनी। आदि मंत्रों का जाप करें। इससे मां प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाएंगी।
महावामी के दिन मां सिद्धिदात्री को सूजी या गेहूं के हलवा का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा, चावल, दूध, चीनी एवं केसर युक्त खीर का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। मां सिद्धिदात्री को मीठा पुलाव का भोग लगाने से घर-परिवार के रिश्तों में भी मिठास जन्म लेती है और रिश्ते मजबूत होते हैं।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जाना सकते हैं कि आखिर नवरात्रि के नौवे दिन यानी कि महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की किस विधि से पूजा करें और क्या है पूजन सामग्री, मां कालरात्रि के मंत्र एवं भोग। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।