Dev Diwali Puja Vidhi

Dev Diwali Puja Vidhi 2025: देव दिवाली के दिन इस विधि से करें पूजा, देवताओं की कृपा के साथ सभी कष्टों से मिल सकती है मुक्ति

Dev Diwali Puja Kaise Kare: हिंदू धर्म में देव दिवाली का बहुत ज्यादा महत्व होता है और इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी मनाई जाती है। अगर आप इस दिन सही विधि से पूजन करना चाहती हैं तो यहां देव दिवाली की पूजा विधि के बारे में जानें विस्तार से।
Editorial
Updated:- 2025-11-04, 11:48 IST

हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की ही आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही सभी देवी-देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरकर आते हैं और काशी के गंगा तट पर दीप जलाते हैं, इसलिए इसे देव दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति घर या जलाशय के पास दीपदान करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हर साल देव दिवाली पर विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है और लोग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रीहरि की पूजा करते हैं और उनकी पसंद की सामग्री का भोग लगाते हैं। इस साल देव दिवाली का पर्व 05 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। इस साल यह पर्व अत्यंत शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस दिन अगर सच्ची भावना से पूजा की जाए तो जीवन से पाप, कष्ट और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। अगर आप भी इस दिन की पूजा विधि के बारे में जानकारी लेना चाहती हैं जिससे किसी भी काम में बाधा न आए तो जोधपुर, राजस्थान के ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें देव दिवाली की सही पूजा विधि के बारे में विस्तार से-

देव दिवाली पूजन की विधि (Dev Diwali Puja Vidhi 2025)

  • देव दिवाली के दिन आप प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्ति होकर पूजन आरंभ करें। यदि संभव हो तो इस दिन आप किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि आप नदी में स्नान नहीं कर पा रही हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर उसी पानी से स्नान करें।
  • स्नान से मुक्त होने के बाद शालिग्राम जी, लड्डू गोपाल और अन्य भगवान की मूर्तियों को पंचामृत से स्नान कराएं। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से तैयार करें। उसके बाद सभी मूर्तियों और शालिग्राम को स्वच्छ जल से स्नान करें। घर के मंदिर की सभी मूर्तियों और तस्वीरों को साफ वस्त्रों से सुसज्जित करें।  कोशिश करें कि विष्णु जी की मूर्ति को पीले वस्त्रों से सजाएं और शालिग्राम को भी लाल रंग का  आसन दें।
  • सबसे पहले गणेश भगवान का तिलक करें क्योंकि बिना गणपति पूजन के कोई भी पूजा सफल नहीं मानी जाती है। इसके बाद माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु शालिग्राम और लड्डू गोपाल को चंदन का तिलक करें।
  • शालिग्राम भगवान को वस्त्र के रूप में कलावा अर्पित करें और ताजे फूल समर्पित करें। भगवान की पूजा में गुलाब या गेंदा के पुष्प चढ़ाएं।
  • तुलसी का पूजन और अर्पण देव दिवाली की पूजा का अभिन्न अंग माना जाता है। इस दिन विष्णु जी का पूजन करने के साथ तुलसी का पूजन भी करें और उन्हें लाल चुनरी चढ़ाएं।
  • शालिग्राम और लड्डू गोपाल जी को भोग अर्पित करते समय साथ में तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं।
  • भगवान को भोग लगाना किसी भी पूजा का सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जाता है। इस दिन पूजा के समय आप घर में उपलब्ध कोई भी मिष्ठान्न खासतौर पर पीली चीजों का भोग विष्णु जी को अर्पित करें। माता लक्ष्मी को भोग में खीर अर्पित करें। भोग लगाने के बाद भगवान को जल अर्पित करें। इससे पूजा पूर्णता की ओर बढ़ती है।
  • पूजन के समय आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और देव दिवाली की कथा का पाठ अवश्य करें। इससे आपको पूजा का पूर्ण फल मिल सकता है।
  • पूजन के समापन के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

dev diwali puja vidhi kya hai

देव दिवाली पर दीपदान क्यों है जरूरी

  • कार्तिक पूर्णिमा और देव दिवाली पर दीपदान का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन देसी घी के दीपक जलाकर भगवान विष्णु और भगवान शिव को अर्पित करें।
  • इसके साथ ही आप घर में 5, 11, 21, 51 या 101 दीपक जला सकती हैं। पूजा के पूर्ण फल के यदि संभव हो, तो 365 बत्ती वाला दीपक जलाना इस दिन बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। यह दीपक आपको पूरे साल के दीपदान के बराबर फल देता है। देव दिवाली पर दीप जलाने के बाद घी के दीपक से ही भगवान की आरती करें।

देव दिवाली पर घर के किन स्थानों पर दीपक जलाएं

देव दिवाली के दिन यदि आप सबसे पहले घर के मंदिर में दीपक जलाएं तो बहुत शुभ माना जाता है। घर के मंदिर में दीपक भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव के सामने जलाएं। इसके बाद आप तुलसी के पौधे के पास दीपक अवश्य जलाएं, क्योंकि तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और यह दीपक आपके घर में सुख-शांति लाता है। घर की बालकनी या छत पर भी दीपक रखें जिससे उसकी रोशनी चारों दिशाओं में फैले और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाए। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार, आंगन और जल के स्रोत जैसे पानी के नल के पास भी दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में धन, सौभाग्य और स्वास्थ्य का वास होता है तथा देव दिवाली का पुण्य फल प्राप्त होता है।

ऐसा कहा जाता है कि देव दिवाली के दिन यदि आप दीपदान करती हैं तो पूरे कार्तिक मास में दीपदान का फल एक ही दिन में मिलता है। साथ ही, यहां बताई गई पूजा विधि से किया गया पूजन भी बहुत शुभ माना जाता है।

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