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Antim sanskar ke niyam

अंतिम संस्कार से वापस लौटकर आने के बाद क्यों खिलाई जाती है नीम की पत्ती, जानें वजह

अंतिम संस्कार कर श्मशान घाट से घर वापस आने के बाद नीम की पत्ती को मुंह में डालकर चबाते हैं। इसके उपरांत स्नान कर घर के भीतर प्रवेश करते हैं। चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-06-26, 17:25 IST

जीवन और मरण यह जिंदगी के दो पहिया है। जिस मनुष्य का पृथ्वी पर जन्म हुआ उसका मरना निश्चित है। मृत्यु के बाद शव को जलाने की परंपरा है। इस बात का वर्णन धार्मिक शास्त्रों के 16 संस्कारों में किया गया है।  इसमें वर्णित हर एक संस्कार का खास महत्व है। शास्त्र में सबसे अंत में अंतिम संस्कार के विषय में बारे में बताया गया है। अंतिम संस्कार में पंचतत्व से निर्मित शरीर पंचतत्व में विलीन किया जाता है। मरने के बाद व्यक्ति की अंतिम यात्रा निकाली जाती है और श्मशान में दाह संस्कार के लिए लाया जाता है। श्मशान गए हुए लोग घर वापस आकर कई प्रकार की क्रियाएं करते हैं जैसे घर के बाहर चप्पल, जूता निकालना, नीम की पत्ती को चबाना, स्नान करना इत्यादि शामिल है। आइए इस लेख में पंडित आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी  से जानते हैं कि अंतिम संस्कार से वापस आने के बाद नीम की पत्ती क्यों चबाई जाती है। 

अंतिम संस्कार से आने के बाद किए जाने वाले कार्य

Antim sanskar rituals

घर के व्यक्ति का देहांत होता है, वह अपने घर को अच्छी तरह से धुलाई करते हैं। इसके साथ ही घर के बाहर अग्नि, नीम की डाल या लाल मिर्च और एक बाल्टी पानी रखते हैं। श्माशान घाट से वापस आने के बाद लोग नीम व लाल मिर्च को दांत से काटकर थूकते हैं। इसके बाद पानी से कुल्ला करके स्नान करते हैं। इसके साथ ही आगे की बची हुई प्रक्रिया की जाती है।

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घाट से वापस आने के बाद क्यों चबाते हैं नीम की पत्ती

rules after the death of family member

हिंदू मान्यता के अनुसार पुराणों में श्मशान से वापस आने के बाद नीम की पत्ती चबाने और अग्नि को स्पर्श करने का प्रावधान हैं। अग्नि को स्पर्श करने के पीछे का कारण यह है कि हिंदू मान्यता में अग्नि को शुद्ध माना गया हैं, इसके छूने मात्र से व्यक्ति शुद्ध हो जाता है। वहीं नीम की पत्ती चबाने के पीछे के कारण की बात करें तो नीम में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। श्मशान में दाह संस्कार के दौरान कई सारे कीटाणु सांसों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है। ऐसे में नीम की पत्ती का सेवन इन सभी कीटाणुओं को नष्ट कर देते हैं।

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नीम की पत्तियों का महत्व

  • देवी और शक्ति की उपासना में नीम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • शरीर पर निकली हुई देवी जी में नीम का खास उपयोग किया जाता है। 
  • ज्योतिष में नीम का संबंध शनि और केतु से भी जोड़ा गया है। 
  • मां काली और मां शीतला की पूजा में नीम की लकड़ी और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।

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Image Credit-Freepik

 

 

 

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