हिंदी सिनेमा का इतिहास काफी पुराना है। इस इतिहास में कई बेमिसाल फिल्में और कलाकारों के नाम छुपे हुए हैं। आज हम कुछ ऐसी ही पुराने जमाने की शानदार एक्ट्रेसेस के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने अपनी अभिनय कला न केवल लोगों का दिल जीता बल्कि हिंदी सिनेमा को मजबूती भी दी। तो चलिए बात करते हैं 50 और 60 के दशक की कुछ बेहतरीन अभिनेत्रियों की।
14 फरवरी 1933 में दिल्ली में जन्मी मधुबाला का असली नाम मुमताज बेगम जहां दहलवी था। जब वह 14 वर्ष की थीं तब 1947 में उन्होंने फिल्म 'नील-कमल' में पहली बार लीड एक्ट्रेस की भूमिका निभाई थी। पिता के सख्त पहरे के कारण मधुबाला को ज्यादा घूमने-फिरने की आजादी नहीं थी। फिर भी मधुबाला वर्ष 1952 में आई फिल्म 'तराना' की शूटिंग के वक्त एक्टर दिलीप कुमार को दिल दे बैठीं थी। मगर किस्मत को दोनों का मिलना मंजूर नहीं था। वर्ष 1960 में मधुबाला ने एक्टर किशोर कुमार से शादी कर ली थी। मधुबाला ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 70 फिल्मों में काम किया था मगर उनकी सिर्फ 15 फिल्में ही हिट हुई थीं। वर्ष 1969 में महज 36 वर्ष की उम्र में मधुबाला का दिल की बीमारी के चलते निधन हो गया था। अपनी खराब सेहत की वजह से वह अपनी आखिरी फिल्म 'चालाक' भी पूरी नहीं कर पाई थीं। इस फिल्म में उनके साथ राज कपूर थे।
60 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस साधना का जन्म कराची में हुआ था और 1947 में बंटवारे के बाद वह भारत आ गई थीं। महज 15 वर्ष की उम्र में साधना ने राज कपूर की फिल्म 'श्री 420' के गाने 'मुड़-मुड़ कर न देख' में डांस भी किया था। वर्ष 1960 में साधना ने फिल्म "लव इन शिमला' से डेब्यू किया था। वर्ष 1966 में साधना ने फिल्म डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से लव मैरिज की थी।अपने एक्टिंग करियर में साधना ने लगभग 30 फिल्मों में काम किया और वर्ष 1974 में हिंदी सिनेमा को अलविदा कह दिया था । हालांकि, साधना की कुछ फिल्में काफी लेट रिलीज हुई थीं। साधना का हेयर स्टाइल और चूड़ीदार पैजामा भी महिलाओं के बीच काफी मशहूर हुए थे। वर्ष 2015 में तेज बुखार के चलते 74 वर्ष की उम्र में साधना ने दुनिया को भी अलविदा कह दिया था।
हिंदी सिनेमा में आशा पारेख को 'जुबली गर्ल' के नाम से भी जाना जाता है। अभिनेत्री होने के साथ ही आशा बहुत अच्छी क्लासिकल डांसर भी हैं। आशा ने बाल कलाकार के रूप में वर्ष 1952 में फिल्म 'आसमान' में काम किया था और बतौर एक्ट्रेस वर्ष 1959 में आई फिल्म 'दिल देके देखो' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। आशा पारेख का अफेयर फिल्म मेकर नासिर हुसैन के साथ लंबे वक्त तक रहा था। आपको बता दें कि नासिर हुसैन बॉलीवुड एक्टर आमिर खान के चाचा थे। मगर दोनों की कभी शादी नहीं हो सकी। अपने फिल्मी करियर में आशा ने 80 से अधिक फिल्मों में काम किया है और कई हिट फिल्में भी दी हैं। फिल्म 'कटी पतंग', 'तीसरी मंजिल' , 'लव इन टोकियो' में आशा पारेख के अभिनय को लोग आज भी याद करते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में आशा के बेहतरीन योगदान के चलते उन्हें वर्ष 1992 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया था।
वहिदा रहमान ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत वर्ष 1955 में तेलुगू फिल्मों से की थी। वहीं हिंदी सिनेमा में वहीदा की एंट्री एक्टर गुरु दत्त की वजह से हुई थी। गुरु दत्त की फिल्म 'सीआईडी' वहीदा की पहली हिंदी फिल्म थी और इसमें वह खलनायिका थीं। इसके बाद वहीदा ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और फिल्म कागज के फूल, साहिब बीबी और गुलाम, गाइड जैसी एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। वर्ष 1974 में वहीदा रेहमान ने एक्टर कमलजीत से शादी कर अपना घर बसा लिया। वहीदा के 2 बच्चे हैं और दोनों ही राइटर हैं।
जब खूबसूरत एक्ट्रेसेस का जिक्र होता है तो मीना कुमारी का नाम हमेशा लिया जाता है। मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो था। मीना के जन्म के बाद उनके पिता उन्हें यतीमखाने की सीढ़ियों पर छोड़ आए थे, मगर मन नहीं माना तो वह उन्हें वापिस भी ले आए। मात्र 7 वर्ष की उम्र में ही मीना ने फिल्मों मे काम शुरू कर दिया था। मगर मीना को स्टार बनाया था वर्ष 1952 में आई फिल्म 'बैजू बावरा' ने। बहुत कम लोगों को पता है कि एक एक्सीडेंट में मीना कुमारी की बायं हाथ की एक उंगली टूट गई थी। इसलिए हर फिल्म में मीना कुमारी अपना बायां हाथ छुपा लेती थीं। मीना कुमारी ने फिल्म मेकर कमल अमरोही से 1952 में शादी की थी मगर यह शादी ज्यादा दिन टिक न सकी और वर्ष 1964 में दोनों अलग हो गए। इसके बाद मीना कुमारी को नशे की लत लग गई और इसी नशे की लत के कारण वर्ष 1972 में लिवर सिरोसिस के कारण मीना कुमारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। आपको बता दें कि आखिरी समय में मीना के पास अपना इलाज कराने के भी पैसे नहीं थे।
नूतन ने महज 14 साल की उम्र में फिल्म 'हमारी बेटी' से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था । अपने फिल्मी करियर में नूतन ने 70 से अधिक फिल्मों में काम किया था। 'बंदिनी' 'अछूत कन्या' 'छलिया', 'देवी', 'सरस्वतीचंद्र', 'मैं तुलसी तेरे आंगन की', 'सौदागर' जैसी फिल्मों में नूतन के अभिनय को आज भी याद किया जता है। साल 1959 में जब नूतन का करियर पीक पर था तब ही उन्होंने इंडियन नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से शादी कर ली थी। वर्ष 1991 में ब्रेस्ट कैंसर की वजह से नूतन का देहांत हो गया था।
नरगिस बॉलीवुड की पहली एक्ट्रेस हैं, जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अपनेे फिल्मी करियर में 60 से अधिक फिल्मों में काम करने वाली नरगिस की कई फिल्में यादगार हैं। मगर मात्र 28 वर्ष की उम्र में फिल्म 'मदर इंडिया' में नरगिस ने अपने हम उम्र एक्टर्स की मां की भूमिका नभाई थी, इस फिल्म को लोग आज भी देखना पसंद करते हैं। इस फिल्म के सेट पर नरगिस के साथ एक हादसा हुआ था, जिसमें उनकी जान एक्टर सुनील दत्त ने बचाई थी। बस इस हादसे के बाद ही नरगिस सुनील दत्त को अपना दिल दे बैठीं और दोनों ने शादी कर ली। हालांकि जब बात नरगिस के अफेयर्स की आती है तो उनका नाम हमेशा ही राज कपूर से जाता है। वर्ष 1981 में 51 वर्ष उम्र में ही नरगिस का कैंसर की बीमारी के चलते देहांत हो गया था।
अपने फिल्म करियर में बीना राय ने कई फिल्मों में काम किया। उनकी पहली फिल्म 'काली घटा' थी। बीना ने बहुत जल्दी ही शादी कर ली थी। फिल्म 'औरत' में को- एक्टर प्रेमनाथ के साथ शूटिंग के दौरान ही उन्हें प्यार हो गया था। कुछ ही समय बाद दोनों ने शादी भी कर ली थी। फिल्म 'अनारकली' और 'ताजमहल' बीना राय की ऐसी फिल्में हैं, जिसके गीत बेहद खूबसूरत हैं और इन्हें सुन कर आज भी बीना राय का सुंदर मुखड़ा जहन में झिलमिला जाता है।
बॉलीवुड में सुरैया को ऐसी गायिका-अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपने सशक्त अभिनय और जादुई आवाज से सभी का मन मोह लिया था। साल 1937 में सुरैया ने फिल्म 'उसने क्या सोचा' में पहली बार बाल कलाकार के रूप में काम किया था। इसके बाद सुरैया का फिल्मों में काम करने का सिलसिला थमा नहीं। अपनेे फिल्मी करियर में उन्होंने 70 से भी अधिक फिल्मों में काम किया। हिंदी सिनेमा के कुछ मशहूर अफेयर्स में से सुरैया और देवानंद के प्यार के भी किस्से चर्चा में रहे हैं। मगर दोनों का मिलना किस्मत को मंजूर नहीं थी। देवानंद से ब्रेकअप के बाद सुरैया ने कभी भी शादी नहीं की। वर्ष 2004 में उनका देहांत हो गया था।
वैजयंती माला को हिंदी सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार कहा गया है। अपने फिल्मी करियर में वैजयंती माला ने कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। गंगा जमुना, संगम, देवदास, साधना, मधुमति आदि वैजंती माला की कुछ ऐसी फिल्में हैं, जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं। वैजंती माला का नाम दिलीप कुमार और राज कपूर जैसे एक्टर्स के साथ भी जोड़ा गया मगर वैजंती माला को सच्चा प्यार राज कपूर के फैमिली डॉक्टर चमन बाली में मिला, जिनसे बाद में वैजंती ने शादी भी की और एक्टिंग करियर को अलविदा कह दिया।