भारत में फिलहाल एक साथ पति-पत्नी द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। भले ही, देश की जनसंख्या 140 करोड़ से ऊपर हो चुकी है, लेकिन भारत में इनकम टैक्स कुछ करोड़ लोग ही भरते हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 8.09 करोड़ आबादी ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया था, जो देश की कुल आबादी का लगभग 6.68% है। वहीं, लगभग 4.09 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपने ITR में जीरो टैक्स योग्य इनकम की सूचना दी थी। इसके साथ ही फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में लभगभ 2.29 करोड़ महिलाओं ने ITR फाइल किया है।
आजकल लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए कई नए तरीके खोज रहे हैं। अगर आपकी फैमिली में पति-पत्नी दोनों कमाते हैं, तो दोनों को ITR दाखिल करना जरूरी है। ऐसे में फैमिली पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाता है। इसलिए, बजट 2025 पेश होने से पहले, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सरकार के पास मैरिड कपल्स को एक साथ ITR दाखिल करने का प्रस्ताव रखा है। ICAI का मानना है कि ऐसा करने से भारत में पति-पत्नी मिलकर एक साथ ITR दाखिल करके काफी पैसा भी बचा सकते हैं।
आपको बता दें कि यूनाइटेड किंगडम, एस्टोनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस आदि जैसे विकसित देशों में मैरिड कपल्स के लिए Joint Taxation System है। इस सिस्टम में, मैरिड कपल्स को सिंगल टैक्सेबल यूनिट के रूप में माना जाता है, जिससे उन्हें टैक्स फाइलिंग करने के लिए अपनी इनकम को कम्बाइन करने की अनुमति मिलती है।
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आज भारत के अधिकतर परिवारों में कमाने वाला 1 और खाने वाले 4 लोग होते हैं। वहीं, बढ़ती महंगाई के चलते मौजूदा एग्जम्प्शन लिमिट काफी नहीं होती है। कई बार लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए अपनी आय को परिवार के सदस्यों के बीच बांटकर टैक्स बचाने का ट्राय करते हैं। ऐसे में, ICAI ने सरकार को सुझाव दिया है कि मैरिड कपल्स के लिए अगर ज्वाइंट टैक्सेशन स्कीम लागू की जाती है, तो इंडियन फैमिली पर टैक्स का बोझ कम पड़ेगा और टैक्स चोरी पर भी लगाम लगेगी।
ICAI ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि भारत में मैरिड कपल्स को ITR फाइल करने की इजाजत होनी चाहिए और 6 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट मिलनी चाहिए। वहीं, 6 से 14 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स, 14 से 20 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स, 20 से 24 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स, 24 से 30 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 30 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लागू करना चाहिए।
यदि सरकार Joint Taxation लागू करती है, तो इससे क्या फायदे और नुकसान होंगे, इसके बारे में हमने चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रतीक मित्तल से बात की है।
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आखिर में एक्सपर्ट ने इन चुनौतियों के बावजूद, Joint Taxation को एक ऑप्शनल स्कीम बनाई जाने की उम्मीद की है।
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