बॉलीवुड में महिलाओं पर ऐसे कई फ़िल्में बनी हैं जो सदियों तक उस फिल्म में निभाए गए पात्र को याद किए जाते हैं। मिसाल तौर पर 'शोले' में बसंती का रोल, 'चांदनी' में श्रीदेवी का रोल, भारतीय सिनेमा में इस रोल का जिक्र होते रहता है। इन फिल्मों में जिस तरह से एक शशक्त और प्रभावशाली महिला का किरदार रहा वो आज भी सभी के लिए प्रेरणा का श्रोत रहा है। बीते कुछ सालों में भी बॉलीवुड में महिला किरदार के ऊपर ऐसे कई और फ़िल्में भी बनी है जो आज भी सभी को प्रेरित करती है। यही नहीं, इन फिल्मों ने लाखों-करोड़ो महिलाओं को अपनी गरिमा, आत्म-सम्मान और देश के लिए कुछ कर गुजारने की मनोबल को बढ़ाया है। आज मैं इस आर्टिकल कुछ ऐसे ही फिल्मों के बारे में बताने जा रहा हूं जो स्ट्रांग फीमेल करैक्टर किरदार ने महिलाओं को बहुत प्रभावित किया है।
1Queen (2014)

साल 2014 आई फिल्म क्वीन आज भी करोड़ों महिलाओं को प्रेरित करती है। इस फिल्म का किरदार इतना स्ट्रांग है कि शायद ही किसी को पसंद नहीं आया हो। फिल्म में जिस तरह से रानी यानि कंगना रनौत की शादी टूटती है वो बेहद ही भावुक पल था। लेकिन, शादी टूटने के बाद जिस तरह से रानी दुनिया के सामने खड़ी होती हैं वो सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल है। एक छोटे से शहर की लकड़ी के सपने कैसे चंद पलो में टूट जाती है और फिर कैसे वो लड़की अपने आप से लड़ के मजबूती से खड़ा होती है, इसकी मिसाल है ये फिल्म।
2Marry Kom (2014)

जब दिल में देश लिए कुछ कर गुजरने का इरादा हो तो महिलाएं भी किसी से पीछे नहीं हटती है, और इसका जीता-जगता मिसाल है भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम। वर्ष 2014 में आई ये फिल्म पूरी तरह से एक ऐसे महिला के ऊपर थी जो समाज से और परिवार से लड़ कर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतती है। इस फिल्म में जिस तरह से प्रियंका चोपड़ा ने किरदार को निभाया, सभी लिए एक अद्भुत कहानी थी। एक माँ होने के बाद भी कैसे अपने देश लिए लड़ा जा सकता है, वो इस फिल्म ने बखूबी सिखाया है लाखों महिलाओं को।
3Neerja (2016)

अगर किसी निडर और साहसी महिला की बात होती है उसमें से सबसे टॉप पर लगभग नीरजा भनोट का नाम ज़रूर आता हैं। अपने जीवन की परवाह किए बिना कैसे आतंकियों से अकेले एक महिला लड़ के कइयों की जान बचती है, उसकी मिसाल है नीरजा। फिल्म में जिस तरह से सोनम कपूर ने किरदार को निभाया है वो लगभग हर महिला के लिए प्रेरक चरित्र ज़रूर रहा होगा। जिस साहस के साथ नीरजा आतंकवादियों द्वारा विमान अपहरण को बचाती है वो सभी के लिए प्रेरणा की पात्र है।
4Bandit Queen (1994)

अगर आपने बैंडिट क्वीन फिल्म नहीं देखा है तो इसे एक बार ज़रूर देखे। कैसे एक महिला हज़ारों कठिनाइयों और मुश्किलों से परेशान हो के एक डकैत बन जाती है और अपनी रक्षा खुद करती है। यह डकैत कोई और नहीं बल्कि फूलन देवी के जीवन पर आधारित एक फिल्म है। जब समाज और प्रशासन एक महिला की सुरक्षा नहीं कर पति हाही, तो कैसे एक साधारण महिला काली का रूप ले लेती है, इसकी मिसाल है ये फिल्म। इस फिल्म की मूल कहानी की बात की जाए तो यह है कि अपने आत्म रक्षा के लिए महिलाएं काली का रूप भी धरण कर सकती है।
5Mother India (1957)

बॉलीवुड में अगर महिला बेस फिल्म का जिक्र होता तो शोले, चांदनी, दामनी और मर्द जैसे कई फिल्मों के नाम लिए जाते हैं। लेकिन इन से पहले भी आई फिल्म मदर इंडिया ने जिस तरह से बॉलवुड में प्रभावशाली रहा वो शायद ही कोई फिल्म रहा होगा। नरगिस दत्त के सबसे प्रभावशाली और प्रतिष्ठित प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। राधा के रूप में नरगिस एक गरीब ग्रामीण है जो अपने दो बेटों को पालने के लिए तमाम बाधाओं से लड़ती है। उसे न्याय के प्रतीक और ग्रामीणों द्वारा एक भगवान की तरह देखा जाता है। अपने सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहते हुए, वह न्याय के लिए अपने अनैतिक पुत्र को मार डालती है।
6Black (2005)

ब्लैक संजय लीला भंसाली की फिल्म जिसमें रानी मुखर्जी और अमिताभ बच्चन ने अभिनएं किया है। ब्लैक एक बहरी और अंधी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है। इस लकड़ी के शिक्षक के साथ उसके रिश्ते को फिल्म में दर्शाया गया है। बाद में शिक्षक भी अल्जाइमर रोग का शिकार हो जाता है। इस फिल्म में निभाए किरदार को देखते हुए टाइम मैगज़ीन (यूरोप) ने फिल्म को दुनिया भर से वर्ष 2005 की 10 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक के रूप में चुना था। इस फिल्म जिस तरह से रानी मुखर्जी ने एक्टिंग किया उसके लिए उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड दिया गया।
7Umrao jaan (1981)

बॉलीवुड सदाबहार एक्ट्रेस रेखा के फिल्मों की बात होती है तो सबसे पहले उमराव जान फिल्म का नाम सबसे पहले आता है। अगर एक स्ट्रांग फीमेल रोल की बात आती है तो इस फिल्म का नाम ज़रूर लिया जाता है। इस फिल्म ने उस दौर में हर जगह और हर मच पर तारीफे बटोरी। फिल्म में एक किशोरी लड़की को वेश्यागृह में बेच दिया जाता है और वहा वो कैसे अपने जिंदगी के तमाम पहलुओं से लड़ के दुनिया के सामने मिसाल बनती है इसका जीता-जगता मिसाल है ये फिल्म। 80 के दशक में इस फिल्म ने पूरे महिला समुदाय के सोच को बदल के रख दिया।
8Mandi (1983)

इस फिल्म में जिस तरह से शबाना आजमी का किरदार रहा वो वर्षों तक सभी के जुबां पर चलता रहा। रुक्मिणीबाई एक वैश्यालय चलाती है और कैसे उस में काम कर रहे अन्य लागों की हिफाज़त करती है ये काबिले तारीफ है। इस फिल्म में स्मिता पाटिल और नीना गुप्ता की स्ट्रांग रोल के सबसे दिलों में कई वर्षो तक छाया रहा। अगर बॉलीवुड में एक्ट्रेस बेस के दमदार रोल की बात होती है मंडी फिल्म का जिक्र ज़रूर होता है।
9Mirch Masala (1987)

मिर्च मसाला एक साधारण गाँव की महिला की कहानी है जिसका नाम है सोनबाई, जो स्मिता पाटिल है। इस फिल्म में महिला अपने उपर हो रही उत्पीड़क के खिलाफ शक्तिशाली से लड़ने की जिद्द कर लेती है। इस लड़ाई में मिर्च कारखाने में काम करने गार्ड भी मदद करने के लिए आ जाता है। इसके बाद गाँव की सभी महिलाएं मौजूदा उत्पीड़न का विरोध करने में उनका साथ देते हैं।
10Astitva (2000)

एक फिल्म उस पुरुषवादी संस्कृति को उजागर करती है जो महिला अपर अत्याचार करते है। इस फिल्म में तब्बू ने जिस तरह से अपने परिवार से लड़ कर अपने अस्तित्व की पहचान बनती है उसकी मिसाल है। अगर आप किसी फीमेल एक्ट्रेस का दमदार रोल देखन चाहती है तो इस फिल्म को एक बार ज़रूर देखे।