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98th Oscar Awards: फिल्‍म 'होमबाउंड' के बाद एक और इंडियन मूवी ऑस्‍कर की रेस में हुई शामिल

98th ऑस्कर अवॉर्ड्स 2026 में भारत की दो फिल्मों ‘होमबाउंड’ और ‘ह्यूमन इन द लूप’ ने जगह बनाई है। आरण्य सहाय की फिल्म ‘ह्यूमन इन द लूप’ एआई और एक आदिवासी लड़की की कहानी पर आधारित है। जानें कब होंगे ऑस्कर अवॉर्ड्स और क्या है फिल्म की कहानी।
Editorial
Updated:- 2025-11-17, 20:43 IST

किसी भी फिल्‍म डायरेक्‍टर और प्रोड्यूसर के लिए बहुत ही सम्‍मान की बात है कि उसकी फिल्‍म ऑस्‍कर की रेस में शामिल हो जाए और इस बार यह सम्‍मान दो भारतीय फिल्‍मों को मिला। एक्‍टर ईशान खट्टर की फिल्‍म होमबाउंड को पहले ही ऑस्‍कर में एंट्री दी जा चुकी है और अब खबर आ रही है कि फिर 'ह्यूमन इन द लूप' को भी ऑस्‍कर में एंट्री मिल गई है।

अरण्‍य सहाय की फीचर फिल्‍म 'ह्यूमन इन द लूप' को फिल्म इंडिपेंडेंट स्लोन डिस्ट्रीब्यूशन ग्रांट जैसे सम्‍मान से नवाजा गया है। आपको बता दें कि यह सम्‍मान केवल उन फिल्‍मों को ही दिया जाता है, जिनकी कहानी साइंस और टेक्‍नोलॉजी पर आधारित होती है। इस फिल्‍म में भी एक महिला और एआई की कहानी का दमदार प्रदर्शन किया गया है।

कब होंगे 98वें ऑस्‍कर अवॉर्ड्स ?

98वें ऑस्कर पुरस्कार 15 मार्च 2026 को हॉलीवुड के ओवेशन स्थित डॉल्बी थिएटर में आयोजित किए जाएंगे। फाइनल नामांकन की घोषणा कार्यक्रम से कुछ हफ्ते पहले की जाएगी, जहां यह स्पष्ट होगा कि 'ह्यूमन इन द लूप' और 'होमबाउंड किस श्रेणी में कैसे प्रदर्शन करती हैं।

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क्‍या है फिल्‍म 'ह्यूमन इन द लूप' की कहानी?

'ह्यूमन्स इन द लूप' एक युवा आदिवासी लड़की नेहमा की कहानी है, जो एक डेटा-लेबलिंग सेंटर में काम करती है। उसका काम कंप्यूटर और एआई सिस्टम के लिए डेटा तैयार करना होता है। काम करते-करते नेहमा को समझ आता है कि एआई भी वैसी ही गलती कर सकता है जैसे इंसान करते हैं।

फिल्म दिखाती है कि कैसे एक साधारण, परंपरागत जीवन जीने वाली लड़की अपनी समझ और अनुभव के बल पर इस नई तकनीक की कमियों को सामने लाती है। यह कहानी बताती है कि तकनीक चाहे जितनी भी आगे बढ़ जाए, मानवीय सोच और संवेदना का महत्व हमेशा सबसे ऊपर रहता है।

'ह्यूमन इन द लूप' सिर्फ एआई तकनीक की कहानी नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि इंसानी सोच, अनुभव और संवेदना हर तकनीक से कहीं ज्यादा गहरी होती है। नेहमा का संघर्ष यह साबित करता है कि मशीनें चाहे कितनी भी विकसित क्यों न हो जाएं, लेकिन सही दिशा वही तय कर सकती हैं जो वास्तविक जीवन को समझती हों।

आपकी जानकारी के लिए बता दें 97वें ऑस्‍कर अवॉर्ड के लिए फिल्‍म मेकर किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज' को ऑस्कर के लिए भेजा गया था, मगर उसे कोई पुरस्‍कार नहीं मिला था।

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'होमबाउंड' और 'ह्यूमन इन द लूप' दोनों का ऑस्कर रेस में शामिल होना भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है। आने वाले समय में यह देखना और भी रोमांचक होगा कि विश्व मंच पर ये दोनों फिल्में किस तरह भारत का नाम रोशन करती हैं।

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