इंडिया में आज बैडमिंटन, क्रिकेट, बॉक्सिंग और रेसलिंग कुछ ऐसे चुनिंदा खेल हैं जहां से निकलने वाले खिलाड़ी शौहरत की बुलंदियों को छू जाते हैं। इन सबके बीच कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो देश को गौरव दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन उन्हें पहचानने वाला कोई नहीं है। ऐसी ही एक शानदार खिलाड़ी है तेंज़िन पेमा जिन्होंने भारत के लिए कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते हैं।
बचपन रहा मुश्किल भरा
तेंज़िन पेमा का बचपन काफी मुश्किल भरा रहा है। बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। तेंज़िन पेमा का कहना है, “मुझे मेरे बचपन में वो सब नहीं मिला जो एक बच्चे को मिलना चाहिए था। अपनी मेहनत से आज तक आगे बढ़ी हूं।“
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तेंज़िन पेमा का सफर
तेंज़िन पेमा ने साल 2013 में स्कूल लेवल पर बॉस्किंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेना शुरू किया था। इस दौरान भारत सरकार की 'Khelo India' पहल ने उसके हुनर को पहचाना और उसे प्रोफेशनल ट्रेनिंग देने का निर्णय किया। तेंज़िन साल 2016 में दिल्ली आईं और इंदिरा गांधी नेशनल स्टेडियम में बॉक्सिंग की कोचिंग लेने लगी। लेकिन भारत में बॉक्सिंग की कठिन चुनौती को देखते हुए उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट (MMA) खेलने का फैसला लिया जिसका हिस्सा किकबॉक्सिंग है।