निपाह वायरस ने भारत में दस्तक दे दी है जिसके कारण केरल में 12 लोगों की अब तक मौत भी हो चुकी है। इसलिए केंद्र ने केरल में सुरक्षा के लिए विशेष दल भेजा है। निपाह वारयस से हुई मौतों के अचानक से अफरातफरी मचने के कारण केरल की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी शैलजा ने लोगों को शांत रहने की सलाह देते हुए कहा की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
इस वायरस के कहर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकती है निपाह वायरस के संक्रमण के डर से केरल के डॉक्टर्स ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को अस्पताल आने से मना कर दिया है। यहां तक की संक्रमण से दम तोड़ने वाली नर्स लिनी की मां और उनके परिजनों को भी शव के पास जाने नहीं दिया गया। नर्स का अंतिम संस्कार भी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया।
1डर से लोगों ने गांव छोड़ा

निपाह वायरस के डर से लोगों गांव छोड़ के जा रहे हैं। कोझिकोड जिले के चंगारोठ में वायरस संक्रमण से मौत के बाद कम से कम 30 परिवारों ने घर छोड़ दिया है। इस संक्रमण के डर से अब तक दो गांव भी खाली हो चुका है। यहां करीब 150 लोग खुद गांव से बाहर चले गए हैं। चमगादड़ से फैलने के कारण स्वास्थ कर्मचारी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चमगादड़ों को पकड़कर मारने में जुटे हैं औऱ गांव के कुओं की सफाई कर रहे हैं।
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2ऐसे पड़ा निपाह नाम

1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह गांव के लोग पहली बार इस संक्रमण से पीड़ित हुए थे। इसलिए इसका नाम निपाह वायरस पड़ा।
पहली बार इस वायरस पता डॉ. कॉ बिंग चुआ ने 1999 में लगाया था। उस दौरान डॉ. बिंग मलेशिया की यूनिवर्सिटी आॅफ मलाया से ग्रेजुएशन कर रहे थे। जब डॉ. बिंग ने इसके बारे में लोगों को बताया तो किसी ने उनकी बात नहीं मानी थी। यहां तक कि उनके प्रोफेसर ने भी इस एक्सपेरिमेंट को फेंक देने की बात कही थी। डॉ. बिंग इन दिनों टेमसेक लाइफ साइंसेस, सिंगापुर में बतौर साइंटिस्ट काम कर रहे हैं।
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3कैसे फैलता है यह वायरस?

यह वायरस चमगादड़ के द्वारा फैलता है। वैसे तो यह सुअर और अन्य जानवरों के द्वारा भी यह वायरस फैलता है लेकिन चमगादड़ इसके सबसे तेज वाहक होते हैं।
चमगादड़ इस वायरस को तेजी से फैलाते हैं। क्योंकि यही एक स्तनधारी जीव है जो उड़ सकता है और इधर से उधर तेजी से जा सकते हैं। ये पेड़ों में अधिकतर उल्टे रखते हैं। ऐसे में अगर पेड़ में लगए हुए कोई फल को यह चमगादड़ झूठा कर देता है और वह फल कोई व्यक्ति खा लेता है तो उसके शरीर के अंदर जा सकता है। जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो जाती है।
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4निपाह वायरस के प्रमुख शुरुआती लक्षण

निपाह वायरस बहुत ही खतरनाक होता है। अगर इसका तुरंत इलाज नहीं किया गया तो मरीज 48 घंटे में कोमा में चला जाता है और प्रभावी इलाज नहीं मिलने पर इंसान कोमा में चला जाता है। इसलिए इस वायरस के शुरुआती लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करने चाहिए। इस बीमारी के शुरुआती लक्षण-
- इस बीमारी में शुरुआती तौर पर दिमाग में तेज जलन (इन्सेफेलाइटिस), सिर दर्द और बुखार होता है।
- बुखार के साथ मानसिक रूप से इंसान सुस्त हो जाता है और उसे धुंधला दिखना शुरू हो जाता है।
- कई मामलों में सांस लेने में तकलीफ होती है। ना और कन्फ्यूजन होना।
- कुछ मामलों में सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।
5निपाह के इंफेक्शन से ऐसे बचें

निपाह वायरस से बचने के लिए अभी भी टीके की खोज की जा रही है। ऐसे में इससे बचने के लिए इन बातों का जरूर ख्याल रखें-
- निपाह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है इसलिए जानवरों के सीधे संपर्क में ना आएं।
- इस वायरस से पीड़ित शख्स के पास ऐसे ही ना जाएं।
- पेड़ में लगे या जमीन में गिरे झूठे और कटे फल ना खाएं।
- जैसे ही किसी शख्स में कोई शुरुआती लक्षण दिखते हैं तो उसे बिना नजरअंदाज किए नजदीकी अस्पताल में जाएं।