खुद को चुस्त व तंदुरुस्त रखने के लिए हम सभी कई तरीके अपनाते हैं। इन्हीं में से एक है नियमित योगाभ्यास करना। जब आप योगाभ्यास करते हैं तो इससे ना केवल आपका तन मजबूत बनता है, बल्कि यह आपके मन-मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। अमूमन लोग योगाभ्यास करते हुए कई तरह के आसनों की प्रैक्टिस करते हैं। इन्हीं में से एक है शशांकासन।
यह एक ऐसा आसन है, जिससे शरीर खरगोश के समान नजर आने लगता है। यह आसन ना केवल मानसिक तनाव को दूर करता है, बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। इतना ही नहीं, इससे शरीर की चर्बी भी कम होती है। इस आसन को हार्ट के लिए भी काफी फायदेमंद माना गया है। हालांकि, जब आप इस आसन को कर रहे हैं, तो आपको कुछ छोटी-छोटी गलतियों से बचना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसी ही छोटी-छोटी मिसटेक्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अक्सर लोग शंशाकासन करते हुए कर बैठते हैं-
जब आप शशांकासन का अभ्यास कर रहे हैं तो आपको अपनी ब्रीदिंग पर ध्यान देना चाहिए। आसन में रहने के दौरान गहरी और समान रूप से सांस लें। अगर आप आगे झुकने के बाद अपनी सांस रोक लेते हैं या फिर सही तरह से सांस नहीं लेते हैं तो इससे आपको शशांकासन का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता है।
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यूं तो शंशाकासन का अभ्यास करते हुए गर्दन को जमीन पर ही टिकाया जाता है। लेकिन हर किसी के लिए यह जरूरी नहीं है। अगर इससे आपको गर्दन में असुविधा या खिंचाव महसूस होता है तो आप सिर को ज़बरदस्ती ज़मीन पर टिकाने से बचें। आप सिर को केवल उतना ही नीचे झुकाएं, जितना आपके लिए आरामदायक हो। अगर आपको किसी तरह की असुविधा हो रही है तो आप योग ब्लॉक या कुशन की मदद ले सकते हैं।
शशांकासन का अभ्यास करते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाते हैं और इस दौरान शरीर को स्ट्रेच किया जाता है, लेकिन आपको अपने शरीर को ओवर स्ट्रेच करने से बचना चाहिए। दरअसल, जब आप ऐसा करते हैं तो इससे खिंचाव आने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए, अगर आपको किसी तरह का तेज दर्द या असुविधा महसूस हो रही है तो आप तुरंत सामान्य स्थिति में वापिस लौट आएं।
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जब आप शशांकासन कर रहे हैं तो योगाभ्यास करते हुए आपको बॉडी एलाइनमेंट का भी अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ध्यान दें कि आपके घुटनों, कूल्हों और टखने एलाइन हों। जब बॉडी एलाइनमेंट सही होता है तो इससे ज्वॉइंट्स पर अतिरिक्त तनाव नहीं पड़ता है और आपका बॉडी पोश्चर भी सही रहता है।
ऐसी कई स्थितियां होती हैं, जब शंशाकासन का अभ्यास करना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। मसलन-अगर किसी को अर्थराइटिस की समस्या है या फिर ज्वाइंट या घुटने में दर्द की शिकायत रहती है तो शशांकासन का अभ्यास ना करें।
गर्भवती महिलाओं को भी शशांकासन ना करने की सलाह दी जाती है। अगर आपकी किसी तरह की पेट की सर्जरी हुई है तो आप शशांकासन को अवॉयड करें। हाई बीपी की समस्या होने पर भी आपको शशांकासन से बचना चाहिए। अगर आप इसका अभ्यास कर ही रहे हैं तो बहुत अधिक देर तक ना करें। (भगवान शिव के करें ये योगासन)
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