By Anuradha Gupta04 Oct 2018, 08:00 IST
बच्चे मासूम होते हैं और ध्यान रखना पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनकी सेहत के अलावा पेरेंट्स एक और बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है और वह बच्चों की सुरक्षा। इसलिए हर पेरेंट्स के लिए बहुत जरूरी है कि वे अपने बच्चे को गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं। पेरेंटिंग एक्सपर्ट नियति शाह बताती हैं, ’10 में से 6 लड़कियां और 10 में से 4 लड़के आज गुड टच और बैड टच के शिकार हैं।’ अपने बच्चों को इस बात का ज्ञान देने के लिए पेरेंट्स को खुद ही ऐफर्ट्स करने होते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में कैसे बताएं इस बारे में एक्सपर्ट नियति शाह बताती हैं।
बच्चों को सबसे पहले समझाएं कि गुड टच और बैड टच होता क्या है। बच्चों को समझाएं कि बड़ों द्वारा पीठ पर थपथपाना, सिर पर हाथ फिराना या फिर हाथ पकड़ कर रास्ते में चलना गुड टच होता है। वहीं शरीर के प्राइवेट अंगों में हाथ लगाना बैड टच होता है। बैड टच में लड़कियों की वेजाइना और लड़को की पेनिस, हिप्स, चेस्ट पर हाथ लगाना आदि बैड टच हैं। बच्चों को समझाएं कि ऐसा कोई भी उनके साथ करे तो उसे खुद को टच न करने दें।
यह बेहद सवेंदनशील बातें हैं और बच्चों को इन्हें समझाना बहुत मुश्किल है। अगर इन बातों को आप अपने बच्चे को अच्छे से नहीं समझा पाएंगी तो बच्चे आपकी बातों से डर भी सकते हैं। आपको बता दें कि बच्चों को समझाएं कि ऐसा होने पर डर की जगह रिएक्ट करना है और जैसे ही कोई उन्हें बैड टच करने की कोशिश करे उसे उंगली दिखा कर, आंखों में आंखे डाल कर ऐसा करने से रोकें और वहां से भाग जाएं। अगर बच्चा अकेले है तो उसे घर का फोन नंबर जरूर याद होना चाहिए। अगर स्कूल में है तो उसे टीचर के पास जाना चाहिए और अगर बच्चा घर में है तो उसे किसी भी बड़े जिस पर उसे विश्वास हो उसके पास जाना चाहिए।
ये जरूरी है कि बच्चों को पता हो कि सही और गलत क्या है ताकि वे किसी दूसरे की गलत हरकतों के कारण खुद को गलत न समझें। उन्हें समझाएं कि उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश करने वाले गलत है वे नहीं। उनमें किसी भी हादसे को लेकर अपराधबोध का भाव न आने दें।