गणेश चतुर्थी देश में मनाए जाने वाले पर्वों में से प्रमुख है। इस दौरान भक्त अपने घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिनों तक बप्पा की भक्ति में लीन रखते हैं। यह पर्व ज्ञान, समृद्धि और किसी भी काम की नई शुरुआत के देवता भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक माना जाता है।
इस पर्व में लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और कई ऐसे उपाय आजमाते हैं जिससे खुशहाली बनी रहे। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है और हर साल की ही तरह देश-विदेश में भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ भगवान गणेश का अपने घरों और दिलों में स्वागत करेंगे।
सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए और जीवन में समृद्धि बनाए रखने के लिए आपको इस दिन वास्तु के कुछ विशेष उपाय आजमाने की सलाह दी जाती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इन वास्तु उपायों के बारे में विस्तार से।
गणपति की मूर्ति के लिए सही स्थान चुनें
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति के लिए सही स्थान का होना जरूरी होता है। यदि आप घर में गणपति की स्थापना करने जा रहे हैं तो इसके लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व होती है। इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है और गणपति ही नहीं बल्कि अन्य भगवानों की मूर्तियां और मंदिर को इसी दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा आध्यात्मिक विकास और सकारात्मक ऊर्जा के लिए सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है।
यदि आपके घर में यह दिशा उपलब्ध नहीं है तो आप गणपति की मूर्ति को पूर्व या पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं। आपको भूलकर भी गणपति की स्थापना सीढ़ियों के नीचे या बाथरूम के पास नहीं करनी चाहिए।
गणपति की सही मूर्ति का करें चुनाव
भगवान गणेश की मूर्ति का चयन करते समय आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मूर्ति की सामग्री और मुद्रा सही हो। गणेश चतुर्थी के दौरान मिट्टी की मूर्तियों को स्थापित करने की सलाह दी जाती है, जिससे इनका विसर्जन भी चतुर्दशी तिथि को किया जाता है।
आमतौर पर आपको गणपति की बैठी हुई मूर्ति स्थापित करने की सलाह दी जाती है। घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति की सूंड़ हमेशा बाईं तरफ घूमी हुई होनी चाहिए। इस तरह की मूर्ति को वामांगी गणेश मूर्ति कहा जाता है। ऐसी मूर्ति घर में शांतिपूर्ण और समृद्ध वातावरण बनाने के लिए अनुकूल मानी जाती है।
गणपति मूर्ति की सही ऊंचाई रखें
मूर्ति रखते समय यह सुनिश्चित करें कि उसका मुख उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। उत्तर दिशा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह धन के देवता भगवान कुबेर की दिशा मानी होती है और इस दिशा में भगवान गणेश का मुख रखने से समृद्धि और प्रचुरता आती है।
घर में ऊर्जा का संतुलित प्रवाह बनाए रखने के लिए वास्तु सिद्धांतों के अनुसार मूर्ति को भी हमेशा साफ़ रखना चाहिए। गणपति मूर्ति को हमेशा एक ऊंचे मंच या लाल-पीले कपड़े से सजाए गए आसन पर रखा जाना चाहिए, जो भगवान गणेश से जुड़े रंग हैं और शुभता और समृद्धि का प्रतीक हैं।
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प्रकाश एवं सही सजावट है जरूरी
वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रकाश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह ऊर्जा और सकारात्मकता से जुड़ा होता है। गणेश चतुर्थी के दिन सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए अपने घर को विशेष रूप से उत्तर-पूर्व दिशा को प्रकाशित रखना चाहिए यदि आप इस स्थान पर घी के दीये जलाएंगे तो यह भी विशेष रूप से फलदायी हो सकता है।
भगवान गणेश की मूर्ति के आस-पास के स्थान को फूलों से सजाना चाहिए और उसे हमेशा प्रकाशित रखना चाहिए। यदि आप पूजा के स्थान को जहां गणपति स्थापना हो रही है, वहां रंगोली बनाती हैं तो यह भी बहुत अच्छा माना जाता है।
स्वच्छता एवं पवित्रता बनाए रखना है जरूरी
वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांतों में से एक है स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखना। जब भी आप गणपति की स्थापना करें आपको उस स्थान को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। इसके लिए आप पूजा के स्थान को नियमित रूप से साफ़ करें और बासी फूल या प्रसाद को हटा दें। स्थान की शुद्धता ऊर्जा की शुद्धता को दिखाती है और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाती है।
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मुख्य द्वार पर तोरण लगाएं
यदि आप गणेश चतुर्थी के दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों या ताजे फूलों का तोरण लगाती हैं तो ये आपके लिए बहुत शुभ फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है कि ताजे फूलों और पत्तियों का तोरण आपके घर के लिए ऊर्जा का संचार करता है और इस उपाय से घर के मुख्य द्वार से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस वास्तु उपाय से आपके घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
वास्तु के अनुसार पहनें सही रंगों के कपड़े
गणेश चतुर्थी के दिन आपको साफ़ और सही रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान आपको लाल, पीला और हरा रंग विशेष रूप से पन्ना चाहिए ,ये सभी रंग शुभता के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन आपको पूजा के दौरान भूलकर भी काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वास्तु में काला रंग नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है, इसलिए आपको इस रंग से बचने की सलाह दी जाती है।
गणेश चतुर्थी के दिन यदि आप यहां बताए वास्तु नियमों का पालन करती हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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