हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दौरान बप्पा की पूजा-अर्चना विधिवत रूप से करने का विधान है। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का कारक माना जाता है। बप्पा सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता है। इनकी पूजा करने के बाद ही देवी-देवता की पूजा करने का मान्यता है। आपको बता दें, वैसे तो हर महीने चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। लेकिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को बेहद खास माना जाता है। वहीं अनंत चतुर्थी के दिन बप्पा को विदा करते हैं। अब ऐसे में इस साल गणेश चतुर्थी कब से आरंभ हो रहा है। पूजा का शुभ मुहूर्त कब है। इस पर्व का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन पूजा का महत्व क्या है?
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और कार्य में सफलता मिलती है। गणेश चतुर्थी को नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन नए काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है और ज्ञान प्राप्त होता है। गणेश जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। गणेश जी की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गणेश चतुर्थी और गणेश विसर्जन कब है?
पंचांग के हिसाब से गणेश चतुर्थी इस साल 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट से आरंभ हो रहा है और इस तिथि का समापन 07 सितंबर को
- गणेश चतुर्थी -सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगा।
- गणेश चतुर्थीउदया तिथि- 07 सितंबर को मनाई जाएगी।
- गणेश विसर्जन - भगवान गणेश का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन (17 सितंबर) करने की मान्यता है।
गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त कब है? (Ganesh Chaturthi Puja Time 2024)
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
गणेश चतुर्थी के दिन विधिवत रूप से शुभ मुहूर्त बप्पा की पूजा कर सकते हैं।
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से लेकर 03 बजकर 14 मिनट तक है।
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 58 मिनट तक है।
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 56 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक है।
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गणेश चतुर्थी के दिन शुभ योग कब है?
गणेश चतुर्थी के दिन शुभ योग में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना उत्तम फलदायी माना जाता है। इस योग में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
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- ब्रह्म योग का समय - ब्रह्म योग सूर्योदय 06:02 बजे से लेकर रात 11:17 बजे तक है।
- इंद्र योग का समय - गणेश चतुर्थी की रात 11:17 बजे से अगले दिन तक है।
ज्योतिष शास्त्र में ब्रह्म और इंद्र योग को शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधकों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
भद्रावास योग क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में भद्रा पाताल में रहने वाला है। जिसके कारण इस दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों के लिए कल्याणकारी माना जाता है। इस योग में बप्पा की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
- भद्रावास योग का समय - भद्रावास योग 7 सितंबर को सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है और
- भद्रावास योग कासमापन- शाम को 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। इस योग में बप्पा की पूजा-अर्चना करना शुभ फलदायी माना जाता है।
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Image Credit- HerZindagi
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