why should you never tell anyone how much you worship

आप कितना पूजा-पाठ करते हैं, इस बारे में क्यों कभी किसी को नहीं बताना चाहिए?

क्या आपकी भी आदत है कि आप जो भी पूजा-पाठ करते हैं उसके बारे में दूसरों से को बताते हैं, आइये जानते हैं कि इस आदत से आपके जीवन पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है।  
Editorial
Updated:- 2025-09-24, 15:31 IST

अक्सर आपने ऐसा देखा होगा कि लोग आपसे आपके पूजा-पाठ के बारे में पूछते होंगे या फिर आप खुद भी दूसरों को बताते होंगे कि आप घर में कितना पूजा-पाठ करते हैं। शास्त्रों में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। आइये जानते हैं कि वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि आखिर कितना सही है अपनी पूजा-पाठ के बारे में किसी को भी कुछ बताना या फिर दूसरों से उनके पूजा-पाठ के बारे में पूछना।

अपनी पूजा-पाठ के बारे में क्यों किसी को नहीं बताना चाहिए?

ज्योतिष के अनुसार, राहु को दिखावे और झूठ का ग्रह माना जाता है। जब हम अपनी पूजा का दिखावा करते हैं, तो राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इससे हमारी भक्ति का फल कम हो जाता है या पूरी तरह से नष्ट हो जाता है। माना जाता है कि दिखावा करने से पूजा का पुण्य राहु के प्रभाव से नष्ट हो जाता है और हमें उसका सही फल नहीं मिल पाता।

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हिंदू धर्म में कहा गया है कि किसी भी शुभ कर्म का फल तभी मिलता है, जब उसे गुप्त रखा जाए। अगर हम अपनी पूजा-पाठ के बारे में ढिंढोरा पीटते हैं, तो वह हमारी भक्ति की ऊर्जा को कमजोर कर देता है। हमारी भक्ति को अहंकार लग जाता है, जिससे उसका पुण्य समाप्त हो जाता है।

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जब हम किसी को अपनी भक्ति या पूजा के बारे में बताते हैं, तो सामने वाले के मन में ईर्ष्या या नकारात्मक भावना आ सकती है। यह एक तरह की नजर लगने जैसा होता है जो हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रभावित करता है। इसके कारण हमारी साधना में रुकावट आ सकती है और हमें मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता।

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पूजा-पाठ का मुख्य उद्देश्य अहंकार को खत्म करना है। जब हम दूसरों को बताते हैं कि हम कितनी पूजा करते हैं, तो हमारे मन में अहंकार की भावना पैदा होती है। हम सोचने लगते हैं कि हम दूसरों से ज्यादा धार्मिक हैं। यह अहंकार भक्ति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। सच्ची भक्ति वही है, जो विनम्रता सिखाती है।

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पूजा का असली मकसद मन को शुद्ध करना है। जब हम अपनी पूजा को गुप्त रखते हैं, तो हमारा ध्यान भगवान पर केंद्रित रहता है। इसके विपरीत, जब हम लोगों को अपनी पूजा के बारे में बताते हैं, तो हमारा ध्यान दिखावे और दूसरों की प्रशंसा पाने पर चला जाता है। इससे हमारी पूजा का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता।

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FAQ
पूजा-पाठ करते समय किस एक चीज का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए?
पूजा-पाठ करते समय विधि, नियम, स्थान आदि इन सबसे ज्यादा जरूरी है मन का शुद्ध भाव।
पूजा-पाठ के दौरान आंखें बंद रखनी चाहिए या खुली?
पूजा-पाठ के दौरान आंखें खुली रखनी चाहिए।
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