
11 नवंबर 2025 का पंचांग मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को दर्शाता है जो रात 11:10 बजे तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। इस दिन मंगलवार है और पुष्य नक्षत्र शाम 6:19 बजे तक रहेगा जिसे ज्योतिष में एक बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है और यह दिन के शुभ फल को बढ़ाता है। इसके साथ ही, इस दिन शुभ योग भी सुबह 9:44 बजे तक रहेगा जिससे यह दिन कोई भी शुभ कार्य शुरू करने के लिए विशेष रूप से अच्छा हो सकता है। हालांकि, अगर आप आज के दिन यात्रा की योजना बना रहे हैं तो ऐसे में राहुकाल देखकर ही घर से बाहर जाएं। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी | पुष्य | मंगलवार | शुभ | विष्टि |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:40 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:28 बजे |
| चंद्रोदय | रात 11:20 बजे |
| चंद्रास्त | दोपहर 12:30 बजे (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:55 बजे से सुबह 05:48 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:43 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक |
| अमृत काल | दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 02:47 बजे से शाम 04:08 बजे तक |
| गुलिक काल | दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 01:26 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 09:22 बजे से सुबह 10:44 बजे तक |

11 नवंबर 2025, मंगलवार को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है। श्री कृष्ण मासिक जन्माष्टमी के अलावा, आज का दिन हनुमान जी का भी है क्योंकि मंगलवार हनुमान जी को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जहां एक ओर श्री कृष्ण की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य आते हैं तो वहीं, दूसरी ओर आज के दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं।
11 नवंबर 2025, मंगलवार का दिन हनुमान जी और देवी दुर्गा को समर्पित होता है, साथ ही इस दिन पुष्य नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है जिसे बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए शुभ फलों को पाने के लिए आपको सुबह स्नान के बाद हनुमान जी के मंदिर जाकर उन्हें सिंदूर, चमेली का तेल और लाल रंग का चोला अर्पित करना चाहिए तथा हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि होने के कारण भगवान सूर्य को जल देना और 'आदित्यहृदय स्तोत्र' का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है जिससे आपके जीवन में सुख, समृद्धि और पारिवारिक खुशियां बनी रहेंगी।
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