abhimanyu and lord krishna

क्यों बना अर्जुन का पुत्र अभिमन्यू श्री कृष्ण का सबसे बड़ा शत्रु?

ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण ने जहां कुछ शत्रुओं को बल से परास्त कर मारा तो वहीं, कुछ को छल से मृत्यु के घाट उतारा था। इन्हीं में से एक शत्रु है अर्जुन का पुत्र।
Editorial
Updated:- 2023-09-06, 10:53 IST

Mahabharat Facts: महाभारत और कृष्ण लीला से जुड़े हर ग्रंथ में इस बात का उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण के कई शत्रु थे।

ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण ने जहां कुछ शत्रुओं को बल से परास्त कर मारा तो वहीं, कुछ को छल से मृत्यु के घाट उतारा था।

इन्हीं में से एक शत्रु है अर्जुन का पुत्र अभिमन्यू। महाभारत में अभिमन्यू को बहुत पराक्रमी और कुशल योद्धा बताया गया है।

अभिमन्यू कृष्ण भक्तों में से एक भी माना जाता है। यह वही अभिमन्यू है जिसे कौरवों ने छल से चक्रव्यूह में फंसाकर मार दिया था।

मान्यता है कि अभिमन्यू को मृत्यु के बाद श्री कृष्ण के धाम में कुछ समय रहने का अवसर मिला था। उसे कृष्ण भक्ति प्राप्त हुई थी। 

हालांकि महाभारत के एक छंद में यह भी लिखा है कि अभिमन्यू भगवान कृष्ण का बड़ा शत्रु भी था जिसे कृष्ण ने छल से मारा था।    

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इसके पीछे का रहस्य समझाते हुए रोचक कथा के बारे में विस्तार से बताया। आइये जानते हैं। 

  • महाभारत के अनुसार, अभिमन्यू चंद्र देव का पुत्र था। चंद्र देव पुत्र मोह में नहीं चाहते थे कि उनका पुत्र धरती पर जन्म ले। 
  • मगर श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के विवाह के रहस्य) के आदेश पर उन्हें अपने पुत्र को पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा। चंद्र देव ने दिल से कृष्ण आदेश नहीं माना था।

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  • यही कारण है कि उनके पुत्र का पेहला जन्म पृथ्वी पर दुष्ट राक्षस के रूप में हुआ जो मलेच्छ देश का राजा कालयवन था। 
  • कालयवन के आत्याचारों से मथुरा और पूरा ब्रह्मांड दहल उठा था। तब श्री कृष्ण ने कालयवन के वध का निर्णय ले लिया। 

lord krishna enemy

  • इसके बाद जब जरासंध के साथ मिलकर कालयवन ने मथुरा पर आक्रमण किया तब श्री कृष्ण ने एक कुशल योजना बनाई।
  • श्री कृष्ण ने कालयवन को महाराज मुचकुन्द के हाथों छल से मरवा डाला था। मृत्यु के पश्चात कालयवन पुनः चंद्रलोक पहुंचा।

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lord krishna enemy in mahabharat

  • चंद्र देव ने अपनी भूल को समझा और कृष्ण से क्षमा मांगते हुए पुनः अपने पुत्र को पृथ्वी पर जन्म लेने देने का आग्रह किया।  

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  • तब श्री कृष्ण ने चंद्र देव के पुत्र को अर्जुन (अपने पुत्र के हाथों क्यों मारा गया था अर्जुन) के पुत्र अभिमन्यू के रूप में जन्म लेने और परम पराक्रमी होने का वरदान दिया।
  • इस तरह अभिमन्यू अपने पूर्व जन्म में श्री कृष्ण का परम शत्रु था और उसका वध श्री कृष्ण की लीला से संभव हो पाया था।     

आप भी इस लेख के माध्यम से जान सकते हैं कि आखिर क्यों और कैसा बना अर्जुन का पुत्र श्री कृष्ण का सबसे बड़ा दुश्मन। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।  

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