Marriage Rituals: हिन्दू धर्म में शादी से जुड़े कई रीति-रिवाज होते हैं। हर रीति-रिवाज का अपना महत्व है और उसके पीछे छिपे हैं कई कारण।
खास बात यह है कि जब बात अलग-अलग प्रान्तों की आती है तब रीति-रिवाजों में जहां कुछ हद तक समानताएं होती हैं तो वहीं भिन्नता भी होती है।
ठीक ऐसे ही फेरों को लेकर यह कहा जाता है कि शास्त्रों में दूल्हा-दुल्हन द्वारा सात फेरे लेने का विधान है क्योंकि सात फेरों के साथ 7 वचन जुड़े हैं।
वहीं, कुछ स्थानों पर सिर्फ चार फेरे लेने की परंपरा चली आ रही है। इन्हीं जगहों में से एक है गुजरात, जहां चार फेरों के साथ ही विवाह संपन्न होता है।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तब उन्होंने हमें इससे जुड़ी कई दिलचस्प बातें बताईं जो वाकई बहुत हैरतंगेज थी।
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आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से जान सकते हैं कि आखिर क्यों गुजराती शादियों में दूल्हा-दुल्हन सिर्फ चार ही फेरे क्यों लेते हैं और क्या है इसके पीछे का महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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