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Aaj Ka Panchang 15 September 2025: सोमवार को करने जा रहे हैं विवाह के लिए रिश्ते की बात, तो आज का पंचांग देखकर ही जाएं

सोमवार का दिन जो महादेव को समर्पित होता है। इस दिन को लोग अक्सर शादी से जुड़े कामों के लिए अच्छा मानते हैं। ऐसे में अगर आप भी सोमवार के दिन विवाह के लिए रिश्ते की बात करने जा रहे हैं, तो इसके लिए पंचांग को जरूर देखें। इससे आपको सही समय के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
Editorial
Updated:- 2025-09-15, 07:14 IST

विवाह सबसे शुभ काम होता है। ऐसे में इस कार्य में किसी भी तरह की जल्दबाजी दो लोगों के जीवन में परेशानी पैदा कर देती है। इसलिए हर कोई कोशिश करता है कि रिश्ते की बात करने के लिए सही समय और दिन हो। सोमवार का दिन लोग सबसे अच्छा मानते हैं। यह दिन महादेव को समर्पित होता है। साथ ही इस दिन विवाह से जुड़े काम करने का लाभ होता है, लेकिन इस बार आप पंडित सौरभ त्रिपाठी जी, छिंदवाड़ा, एमपी जी के बताए गए पंचांग का ध्यान रखें। इससे आपको सही दिन और तिथि की जानकारी मिल जाएगी।

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आज का पंचांग 15 सितंबर 2025 

तिथि नक्षत्र दिन/वार योग करण
नवमी, रात 01:33 बजे तक  मृगशिरा, सुबह 07:32 बजे तक  सोमवार व्यतीपात, रात 02:34 बजे तक तैतिल दोपहर 02:17 बजे तक गर उसके बाद

आज सूर्य और चंद्रमा का समय 15 सितंबर 2025

प्रहर समय 
सूर्योदय सुबह 05:56 बजे
सूर्यास्त  शाम 06:14 बजे 
चंद्रोदय सुबह 12:25 बजे
चंद्रास्त  दोपहर 01:43 बजे

आज का शुभ मुहूर्त और योग 15 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त  सुबह 04:35 बजे से सुबह 05:23 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:40  बजे से 12:29 बजे तक 
अमृत काल    सुबह 11:29 बजे से दोपहर 01:14 बजे तक 

आज का अशुभ मुहूर्त 15 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय 
राहु काल सुबह 10:33 बजे से 12:05 बजे तक
गुलिक काल सुबह 10:33 बजे से 12:05 बजे तक
यमगंड दोपहर   03:11 बजे से 04:44 बजे तक
दुर्मुहूर्त  दोपहर 12:29 बजे से 01:19 बजे तक

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आज व्रत और त्योहार 15 सितंबर 2025

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और यह व्रत विशेष रूप से महादेव की कृपा पाने के लिए किया जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने दांपत्य जीवन में सुख और शांति के लिए इसे रखती हैं। इस व्रत में सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है, फिर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और फूल चढ़ाकर पूजा की जाती है। व्रतधारी दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं और नमक का सेवन नहीं करते। शाम को शिव चालीसा और आरती करके व्रत का समापन किया जाता है। इस व्रत को लगातार 16 सोमवार तक करने से विशेष लाभ मिलता है, जिसे सोलह सोमवार का व्रत भी कहा जाता है।

आज का उपाय 15 सितंबर 2025

  • ऊं नमः शिवाय" का 108 बार जप करें।
  • पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं, इससे पितृ दोष शांत होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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Image Credit- Freepik

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