which colour cloth we should use for home temple

घर के मंदिर में कौन से रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए?

मंदिर वह स्थान है जहां हम ईश्वर से जुड़ते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इसलिए, यहां हल्के और शुभ रंगों का प्रयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।  
Editorial
Updated:- 2025-10-21, 16:41 IST

घर के मंदिर में सही रंग का कपड़ा बिछाना सिर्फ सजावट का विषय नहीं है बल्कि इसका गहरा ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व भी है। ज्योतिष शास्त्र में हर रंग एक खास ग्रह या ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिर वह स्थान है जहां हम ईश्वर से जुड़ते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इसलिए, यहां हल्के और शुभ रंगों का प्रयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। सही रंग का कपड़ा बिछाने से पूजा का फल पूर्ण रूप से प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है क्योंकि रंग हमारी एकाग्रता और मन की शांति को प्रभावित करते हैं। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि घर के मंदिर में किस रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए?

घर के मंदिर में किस रंग के कपड़े का इस्तेमाल करें?

घर के मंदिर में कपड़ा बिछाने के लिए पीला रंग सबसे उत्तम माना जाता है। ज्योतिष में पीला रंग देवगुरु बृहस्पति से जुड़ा हुआ है। यह रंग ज्ञान, बुद्धि, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। पीले रंग का वस्त्र बिछाने से गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है जिससे पूजा करने वाले को ज्ञान की प्राप्ति होती है और उसका आध्यात्मिक विकास होता है।

ghar ke mandir mein kaun se rang ka kapda prayog karna chahiye

इसके अलावा, पीले रंग के इस्तेमाल से मन में शांति और सकारात्मकता बनी रहती है जिससे ध्यान लगाना आसान हो जाता है। पीले रंग के अतिरिक्त, आप हल्के नीले या सफेद रंग का कपड़ा भी बिछा सकते हैं। सफेद रंग शांति, पवित्रता और सादगी का प्रतीक है जो पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

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वहीं, हल्का नीला रंग भी मन को शांत रखने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। ध्यान रहे कि मंदिर में हमेशा हल्के और सौम्य रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए क्योंकि ये रंग शांति और सकारात्मकता लाते हैं। अक्सर कुछ लोग मंदिर में लाल रंग का कपड़ा बिछाते हैं जिसे ज्योतिष और वास्तु की दृष्टि से बहुत से विशेषज्ञ पूरी तरह सही नहीं मानते हैं।

लाल रंग ऊर्जा, जोश और अग्नि तत्व का प्रतीक है। हालांकि, इसे सौभाग्य का रंग माना जाता है और यह मां दुर्गा व मां लक्ष्मी का प्रिय रंग भी है, पर इसे सीधे मंदिर के आसन पर बिछाने से अत्यधिक ऊर्जा का संचार हो सकता है जो पूजा स्थल की शांति को भंग कर सकता है खासकर अगर मंदिर उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण दिशा में हो।

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इसलिए, लाल रंग का कपड़ा बिछाने से बचना चाहिए या केवल विशेष अवसरों पर ही इसका प्रयोग करना चाहिए। इसके बजाय आप देवी-देवताओं की मूर्तियों के नीचे या उनके वस्त्रों में लाल रंग का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन मुख्य आसन पर हल्के रंग का कपड़ा बिछाना ही श्रेष्ठ है। सबसे जरूरी बात यह है कि कपड़ा हमेशा साफ और शुद्ध होना चाहिए।

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