गंगा सप्तमी इस साल 3 मई, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की पूजा करते हुए अगर कुछ विशेष काम किए जाएं तो इससे उनका आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि, संपदा सावं सकारात्मकता का वास स्थापित होता है। वहीं, इस दिन कुछ काम भूल से भी नहीं करने चाहिए, नहीं तो इससे घर की शुभता नष्ट हो सकती है। आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि गंगा सप्तमी के दिन क्या करें और क्या न करें।
गंगा नदी को गंदा करना: गंगा सप्तमी के दिन विशेष रूप से और सामान्य रूप से भी गंगा नदी को गंदा नहीं करना चाहिए। इसमें कूड़ा-कचरा, साबुन या अन्य अपशिष्ट पदार्थ नहीं डालने चाहिए। मां गंगा को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है।
नकारात्मक विचार: इस पवित्र दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और द्वेष जैसे नकारात्मक भावों से बचना चाहिए। सकारात्मक और भक्तिमय विचारों में मन लगाना चाहिए।
किसी का अपमान न करें: गंगा सप्तमी के दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए, खासकर बड़े-बुजुर्गों और महिलाओं का। सभी के साथ प्रेम और सम्मान का व्यवहार करना चाहिए।
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मांस-मदिरा का सेवन: इस पवित्र दिन मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह दिन शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है, इसलिए तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
झूठ बोलना और छल करना: गंगा सप्तमी के दिन झूठ बोलना, किसी को धोखा देना या छल करना जैसे कार्यों से बचना चाहिए। सत्य और ईमानदारी का पालन करना चाहिए।
किसी पवित्र वस्तु का अनादर न करें: इस दिन किसी भी पवित्र वस्तु, जैसे गंगाजल या पूजा सामग्री का अनादर नहीं करना चाहिए। सभी चीजों को सम्मानपूर्वक रखना चाहिए।
गंगा स्नान: गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करना सबसे महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यदि संभव हो तो इस दिन गंगा नदी में डुबकी जरूर लगानी चाहिए। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप और रोग दूर हो जाते हैं और शरीर पवित्र होता है।
मां गंगा की पूजा: इस दिन मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। आप घर पर ही मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करके उन्हें फूल, फल, मिठाई, धूप, दीप आदि अर्पित कर सकते हैं। गंगाजल से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है।
दान-पुण्य: गंगा सप्तमी के दिन दान-पुण्य करना बहुत ही उत्तम माना जाता है। आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार गरीबों, जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को दान दे सकते हैं। अनाज, वस्त्र, धन या कोई भी उपयोगी वस्तु दान की जा सकती है।
गंगाजल का प्रयोग: इस दिन घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से घर पवित्र होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। आप पीने के पानी में भी थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर ग्रहण कर सकते हैं।
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गंगा स्तोत्र का पाठ: गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही लाभकारी होता है। गंगा स्तोत्र मां गंगा की महिमा का वर्णन करता है और इसका पाठ करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
तर्पण: इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करना भी शुभ माना जाता है। गंगा तट पर या किसी पवित्र नदी के किनारे पितरों को जल अर्पित करने से उन्हें शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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